सुदर्शन टुडे गंजबासौदा (नितीश कुमार)।
पुरी (उड़ीसा) से रथ पर सवार भगवान श्री जगन्नाथ प्रभु, बहन सुभद्रा और अपने बड़े भाई बलभद्र को साथ लिए मंगलवार को गंजबासौदा के लिए रवाना हो गए हैं। रवाना होने से पहले प्रभु जगन्नाथ ने उनको लेने के लिए गई नगर की भक्तों की टोली द्वारा अर्पित किए गए महाप्रसाद का भोग लिया। भक्तों ने भी महाप्रभु जी के साथ महाप्रसाद का छककर भंडारा पाया। जय जगन्नाथ के जयकारों के साथ भक्त और भगवान की यह यात्रा करीब 1200 किलोमीटर का सफर तय कर 40 दिन बाद नगर में मंगल प्रवेश करेगी। जिसके इंतजार की घड़ी शुरू हो गई है। महाप्रभुजी का रात्रि विश्राम भक्तों की टोली के साथ साक्षी गोपाल मंदिर के पास हुआ।
मालूम हो कि क्षेत्र के सिद्ध संत बाबा जगन्नाथ दास जी की तपोस्थली बेतवा घाट स्थित नौलखी आश्रम में आगामी 10 अप्रैल से 20 अप्रैल 2024 तक विराट महोत्सव संपन्न होने जा रहा है। इस धार्मिक आयोजन में घाट पर मौजूद पुराने आश्रम के नए जीणोद्धार के साथ प्रभु जगन्नाथ के नवीन विग्रह के साथ ही भगवान रामलला के भी नए विग्रह स्थापित होंगे। महाप्रभु को लेने के लिए नगर से करीब 150 से अधिक श्रद्धालुओं का एक जत्था विगत दिवस ट्रेन से पुरी के लिए रवाना हुआ था। मंगलवार को वहां से अब भक्तों की यह टोली प्रभु जगन्नाथ को रथ पर सवार कर पैदल संकीर्तन करते हुए नगर के लिए निकल पड़ी है। पदयात्रा के प्रारंभ होने से पहले मंगलवार सुबह 11 बजे भगवान जगन्नाथ प्रभु का विधि विधान के साथ पुरी उड़ीसा छोटा छत्ता मठ के पुजारी रामदयाल दास महाराज एवं अन्य ब्राह्मणों द्वारा पूजन अर्चन किया गया। पूजन के पश्चात महाप्रभु जगन्नाथ को साग पूड़ी, महाप्रसाद और खाजा गुड़ का भोग अर्पित किया। उसके बाद नगर से गए रथ पर भगवान महाप्रभु को बैठाया गया। रथ पर बैठते ही महाप्रभु की अद्भुत नयानाभिराम झांकी ने सभी भक्तों का मन मोह लिया और सभी ने एक साथ जय जगन्नाथ के जयकारों से पुरी उड़ीसा के आसमान को गुंजयानमान कर दिया। रथ यात्रा में पैदल चल रहे नौलखी खालसा के श्रीमहंत राममनोहर दास, श्री महंत ब्रजमोहन दास जी महाराज नर्मदा गौशाला गांधीनगर ( गुजरात), यजमान मनीष नरेश गुप्ता, रघुवीर सिंह रघुवंशी, रामकमल रघुवंशी, घनश्याम सिंह मूड़रा, शैलेंद्र रघुवंशी तिलातिली के अलावा बड़ी संख्या में भक्तगण साथ चल रहे हैं।