नारायणगंज /मंडला
नारायणगंज – तहसील नारायणगंज में मूल्यांकन नामांकन जैसे काम ना हो पाने से ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामीण बहुत ज्यादा ही परेशान हैं दूसरे विभागों की तरह इसमें भी समय सीमा का प्रावधान है परंतु अधिकारी गरीब जनता की सुन ही नहीं रहे हैं अपने कमीशन और सेटिंग बाजी के चलते अधिकारी और कर्मचारी सिर्फ अपनी जान पहचान और रिश्वतखोरी करने वाले लोगों के साथ उनका काम कर देते हैं और बाकी आम जनता जो कि गरीब है वह परेशान होती रहती है गरीब जनता को महीनों तक तहसील के चक्कर लगवाने के बाद भी उनका काम नहीं किया जाता है नारायणगंज क्षेत्र के अपने अनेक काम को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों से लोग नामांतरण पट्टा बनवाने नकल निकलवाने तथा अन्य जमीनी कार्य से तहसील आते हैं परंतु उन्हें कई महीनों तक घुमाया जाता है जिससे उनका बहुत सा पैसा अनावश्यक रूप से खर्च हो जाता है परंतु उनकी कोई सुनवाई नहीं की जाती है
जमीनों की नामांतरण नहीं हो पा रहे है
नारायणगंज क्षेत्र में अगर कोई गरीब तबके का व्यक्ति जमीन खरीद लेता है तो उसका नामांतरण होने में कई महीने लग जाते हैं मजबूरन उसे दलाल या किसी नेता का सहारा लेना पड़ता है जिससे उसके कई हजारों रुपए बर्बाद हो जाते हैं तहसील कार्यालय में दलाली अपनी चरम सीमा भी पार कर चुकी है परंतु यहां का प्रशासन अभी भी नहीं जागा है
पटवारी करते हैं आनाकानी
अगर किसी ग्रामीण या किसी व्यक्ति को अपनी जगह न बानी हो या फिर जमीन का कुछ कार्य पटवारी द्वारा करवाना हो तो वह पटवारी के आगे पीछे घूमता रहता है परंतु पटवारी रिश्वतखोरी के चक्कर में उन लोगों को नजरअंदाज कर देता है जिससे उसे कोई भी पैसा नहीं मिलने वाला और वह गरीब तबके के लोग परेशान होते रहते हैं पटवारियों की यह खुलेआम लूट कई बार गरीब तबके के लोगों को बहुत ही परेशान कर देती है कई खबरों में हमने देखा कि पटवारियों द्वारा रिश्वतखोरी अपनी चरम सीमा पार कर रही है । सूत्रों के मुताबिक यह भी जानकारी लगी है कि कंप्यूटर सर्वर नहीं चल रहा है करके लोगों को बता दिया जाता है । एक दिन के काम के लिए लोगों को कई दिन का तक चक्कर काटना पड़ रहा है जिससे लोगों को किसी भी दस्तावेज बनवाने सुधरवाने के लिए आम गरीब परिवार के लोगों को आने जाने में बहुत मात्रा में पैसा खर्च करना पड़ रहा है ।