बैतूल जिले के पंचायतीराज में जो न हो वह थोड़ा है। यहां पर घोटाले, घपले तो होना आम बात है। ऐसी कोई पंचायत नहीं जहां पर विभिन्न सरकारी योजनाओं में घपले-घोटाले न हुए हो। इस बार जो घोटाला हुआ है वह और भी हैरतअंगेज है। यहां पर दर्ज कराई जाने वाली एफआईआर में तक घोटाला कर दिया गया है। जिला पंचायत सीईओ को भी मूर्ख बना दिया गया है। इधर एफआईआर होने के बाद पीआरओ ने जो प्रेस रिलिज जारी की उसमें चार आरोपी के नाम बताए गए। वहीं 1 फरवरी को जिला पंचायत सीईओ ने जनपद सीईओ भीमपुर को एफआईआर के लिए जो आदेश दिए थे उसमें भी चार आरोपी के नाम बताए गए थे लेकिन चिचोली थाने में पाट रैय्यत पंचायत में 76 लाख के घोटाले में जो नाम दिए हुई जिला पंचायत सीईओ ने सरपंच कैलाश सिरसाम, उपसरपंच सियाराम यादव, सचिव लच्छीराम काकोडीया, तात्कालिक उपयंत्री केएल धुर्वे को वित्तीय अनियमितता का दोषी पाते हुए एफआईआर करी थे लेकिन पुलिस द्वारा जो एफआईआर लिखी गई उसमें उपसरपंच सियाराम यादव का नाम ही नहीं है। इस तरह थाने में जो एफआईआर हुई उसमें नाम गायब होने से यह अंदेशा जतायाजा रहा है कि कहीं न कहीं सांठगांठ हुई है और सियाराम को बचने का मौका दिया है। अब इसमें सच्चाई कितनी है यह तो अलग से जांच होने पर सामने आएगा पर जांच होगीप्रथम दृष्टा नजर आ रहा है कि चौथे आरोपी को बचाया गया है और लोगों को समझ न आए इसलिए प्रेस रिलिज में चार के नाम दिए गए हैं जबकि एफआईआर तीन पर हुई। यह जांच का विषय है।
चिचोली थाने में दर्ज एफआईआर जिसमें तीन आरोपी है
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