महाकौशल क्षेत्र रहा द्वितीय स्थान पर, एडीजीपी डी सी सागर शहडोल को मिला बेस्ट एक्टर का खिताब
नाटिका में स्वरोजगार, पेसा कानून, सहित शासन की अन्य योजनाओं पर दिखाई गई झलकियां
आशीष नामदेव शहडोल ब्यूरो
शहडोल। भोपाल में गत दिनों आयोजित लघुनाटिका “दीया तरे उजियार’’ से तात्पर्य है – गांवों में स्वरोजगार की भरमार है, विकास का प्रसार है, खुशहाली की बयार है, शांति का संसार है, संस्कार की बहार है, आशा का संचार है और चमत्कार ही चमत्कार है।
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों का वार्षिक सम्मेलन-2023, दिनांक 04 और 05 फरवरी को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित आईपीएस मेस में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह में मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के मुख्य आतिथ्य एवं पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर बाहर से आये विशेषज्ञों द्वारा ‘5-G चैलेंजेस एंड अपॉर्च्यूनिटीस फॉर पुलिस’ पर सेशन लिया गया और उपस्थित आईपीएस अधिकारियों से संवाद भी किया।
दिनांक 04 फरवरी को शायंकाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ जिसमें भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों द्वारा भाग लिया गया। महाकौशल, मालवा, बुंदेलखण्ड, भोपाल क्षेत्र और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की टीमों द्वारा प्रतिस्पर्धात्मक रूप से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं। महाकौशल क्षेत्र अंतर्गत जबलपुर, शहडोल और बालाघाट जोन के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों द्वारा सामूहिक रूप से डी. सी. सागर, एडीजीपी की अगुवाई में एक लघु नाटिका “दीया तरे उजियार’’ अर्थात् दीया तले उजाला का मंचन किया गया। इस लघु नाटिका के पटकथा लेखन में डी. सी. सागर, एडीजीपी शहडोल, कुमार प्रतीक, पुलिस अधीक्षक शहडोल, सविता दाहिया, शिक्षिका एवं कोरियोग्राफर, द्वारिका दाहिया, कोरियोग्राफर, शिवांश दाहिया, मनोज कुमार साहू स्टेनो, आर.पी. द्विवेदी, प्रशांत द्विवेदी का संयुक्त प्रयास रहा। मंच पर एलईडी में कम्प्यूटर ग्राफिक्स और साज-सज्जा में सउनि परवेज, प्रवीण, गौरव सिंह, इश्ताक खान, हर्षवर्धन सिंह परिहार और राम बहादुर दाहिया की अहम भूमिका रही। लघुनाटिका ‘दीया तरे उजियार’ में कांसेप्ट एवं निर्देशन डी. सी. सागर, एडीजीपी शहडोल का रहा है। ‘दीया तरे उजियार’ नामक शीर्षक की लघु नाटिका महाकौशल के एक गांव ‘पुष्पहार’ की खुशहाली की अनूठी बानगी का मंचन है। इस गांव में शासन की स्वरोजगारोन्मुखी एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं का भरपूर उपयोग किया गया, जिससे गांव में बहुमुखी विकास और विश्वास सृजित हुआ। इस लघु नाटिका में 01 लोक नृत्य, 01 लोक गीत एवं अलग-अलग 07 नाट्य दृश्य प्रस्तुत किए गए। सम्पूर्ण नाटिका में सूत्रधार पात्र का अभिनय डी.सी. सागर, एडीजीपी शहडोल जोन द्वारा किया गया और सभी दृश्यों को बखूबी प्रस्तुत किया गया। दीया तरे उजियार के दृश्यों का मूल भाव और इसमें अभिनय करने वाले पात्रों का परिचय दृश्य – 1 सामूहिक लोक नृत्य : इस प्रस्तुति में आदिवासी समुदाय की संस्कृति, उनकी लोक कलाओं, आदिवासी कला-कृतियों, उनके संस्कार, खान-पान, त्यौहार, रहन-सहन और आजीविका आदि का सामूहिक लोक नृत्य के माध्यम से प्रदर्शन किया गया।
दृश्य – 2 स्वरोजगार और ओडीओपी : इस दृश्य में शासन द्वारा आदिवासियों की आजीविका और उनकी समृद्धि के लिए उपलब्ध कराये जा रहे स्वरोजगार के अवसरों का वर्णन है। इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत् एक जिला एक उत्पाद अर्थात् ODOP (One District One Product) योजना का प्रदर्शन किया गया है। इस दृश्य में बसुहार का अभिनय जितेन्द्र सिंह पंवार, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर और बर्फीवाला का अभिनय विनायक वर्मा, पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा द्वारा किया गया।
दृश्य – 3 सोशल मीडिया का नशा और धोखाधड़ी : वर्तमान में सोशल मीडिया अर्थात् फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम के बेतहासा और अनियंत्रित उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों और उनसे बचाव का दृश्यांकन किया गया। सोशल मीडिया की लत से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, जो कि एक नशे का रूप ले रहा है। साथ ही मानवीय, पारिवारिक एवं सामाजिक मूल्यों का निरंतर पतन हो रहा है। सोशल मीडिया में दुष्प्रचारित फेक न्यूज, सायबर फ्रॉड, सायबर बुलिंग, सायबर स्टॉकिंग, हैकिंग आदि के कारण समाज को कई प्रकार के नुकसान उठाना पड़ता है। इस दृश्य में लल्ली का अभिनय प्रियंका शुक्ला, नगर पुलिस अधीक्षक बरगी, जबलपुर; युवक का अभिनय – शशांक, नगर पुलिस अधीक्षक जबलपुर और समझदार ज्ञानदेव का अभिनय सुनील जैन, पुलिस अधीक्षक कटनी द्वारा किया गया।
दृश्य – 4 मानव-पशु संघर्ष : इंसान जंगल की कटाई करके जानवरों का घर उजाड़ रहे हैं। इसीलिए जंगली जानवर, भटकते हुए छांव और भोजन-पानी के लिए इंसानों की बस्ती में आ रहे हैं। जंगल की कटाई नहीं करनी चाहिए। जंगल को बचाने में ही हमारी भलाई है। ”हर रोज एक पेड़ लगाओ, जंगल बचाओ, जीवन बचाओ।” इस दृश्य में बाघ का अभिनय संजय सिंह, पुलिस अधीक्षक डिण्डौरी; एक ग्रामीण का अभिनय प्रमोद कुमार सिन्हा, पुलिस अधीक्षक उमरिया और एक बच्चे का अभिनय- विपिन श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर द्वारा किया गया।
दृश्य – 5 पेसा (PESA) कानून : अनुसूचित क्षेत्र में जनजातियों के सशक्तिकरण और जल, जंगल और जमीन के अधिकार को संरक्षित करने के लिए मध्य प्रदेश में लागू पेसा (PESA Act) Panchayats (Extension to Scheduled Areas) Act मध्य प्रदेश पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम, 2022 की उपयोगिता प्रदर्शित किया गया। गांव के छोटे-मोटे विवादों के निपटारे के लिए पेसा एक्ट के तहत् गठित गांव की शांति एवं विवाद निवारण समिति सक्षम है। इस दृश्य में सरजू का अभिनय कुमार प्रतीक, पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा; बिरजू – विपुल श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर; सरपंच – संजय सिंह, पुलिस अधीक्षक डिण्डौरी और समिति-विनोद – विनायक वर्मा; पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा द्वारा अभिनय किया गया।
दृश्य – 6 सीपीआर और यातायात के नियमों के प्रति जनजागृति : इसमें यातायात नियमों प्रति जागरूकता का संदेश दिया गया है : दुपहिया वाहन चलाते वक्त हेलमेट पहनना, नाबालिग द्वारा वाहन न चलाना, नशे की हालत में वाहन न चलाना, ओवर लोडिंग न करना आदि। साथ ही सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति का तत्काल उपचार के लिए एम्बुलेंस को बुलाना, घायल को सीपीआर देना आदि का प्रदर्शन किया गया। घायल व्यक्ति को तुरंत (Golden Hour) उपचार के लिए ले जाने वाले को Good Samaritan (नेक व्यक्ति) कहा जाता है, जिसे शासन द्वारा पुरस्कृत किए जाने का प्रावधान है। इस दृश्य में प्रमोद-एक युवक का अभिनय – प्रमोद कुमार सिन्हा, पुलिस अधीक्षक उमरिया द्वारा और सरपंच का अभिनय संजय कुमार, आईजीपी बालाघाट जोन द्वारा किया गया।
दृश्य – 7 भू-माफिया और बुलडोजर : इसमें शासकीय भूमि और ग्रामीणों के घर-जमीन पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जा करने और सीमांकन में अवैध कब्जे पाये जाने पर बुलडोजर द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही का प्रदर्शन किया गया। इस दृश्य में फरियादी-चम्मा का अभिनय कुमार प्रतीक, पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा; एसपी – यशपाल सिंह राजपूत, पुलिस अधीक्षक मण्डला; कलेक्टर – विपुल श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक नरसिंहपुर, एसडीएम – शशांक, नगर पुलिस अधीक्षक जबलपुर और बुलडोजर – विनायक वर्मा; पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा द्वारा अभिनय किया गया।
दृश्य – 8 सीकल सेल एनीमिया : मध्य प्रदेश सीकल सेल मिशन के तहत् आदिवासी अंचल में होने वाली आनुवांशिक बीमारी सीकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग, उपचार और इससे बचाव के संबंध में जागरूकता लाने का प्रदर्शन किया गया। इस दृश्य में पण्डितजी का अभिनय सुनील जैन, पुलिस अधीक्षक कटनी द्वारा; रीतेश – संजय सिंह, पुलिस अधीक्षक डिण्डौरी; लड़की का पिता – संजय कुमार, आईजीपी बालाघाट और रीता – प्रियंका शुक्ला, नगर पुलिस अधीक्षक जबलपुर द्वारा किया गया।
एडीजी शहडोल को मिला अव्वल अभिनय का खिताब – मध्य प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक द्वारा आईपीएस मीट-2023 में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कांटे की प्रतिस्पर्धा में महाकौशल क्षेत्र अर्थात् शहडोल, बालाघाट और जबलपुर जोन की लघु नाटिका की प्रस्तुति ‘दीया तरे उजियार’ की टीम को द्वितीय स्थान से पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार वितरण के इस अवसर पर पुलिस अधिकारियों के परिवार के सदस्य भी मंच पर उपस्थित रहे। सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धा में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डी.सी. सागर को ‘बेस्ट एक्टर’ के अवार्ड से पुरस्कृत किया गया। गौरतलब है कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने एडीजीपी डी.सी. सागर और उनकी पत्नी वंदना सागर को संयुक्त रूप से बेस्ट एक्टर का अवार्ड यह कहते हुए दिया कि ”यह अवार्ड वंदना सागर जी के बिना संभव नहीं था।”