चंद्रेश जोशी सुदर्शन टुडे रायसेन
बच्चे की तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने पीपुल्स हॉस्पिटल भोपाल और कमला नेहरू हॉस्पिटल भोपाल में इलाज कराया, लेकिन फिर भी बच्ची की जान नहीं बचा पाए डॉक्टर,परिजन
इस मामले की शिकायत कलेक्टर अरविंद दुबे और सीएमएचओ डॉक्टर दिनेश खत्री को आवेदन देकर की है आवेदन में परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है
रायसेन। तहसील गैरतगंज कस्बा गांव के नजदीक भिलाड़िया गांव निवासी बबलू विश्वकर्मा की 5 वर्षीय मासूम बेटी वैष्णवी विश्वकर्मा की कोविड-19 टीका स्वास्थ्य महकमे के फील्ड कर्मचारियों द्वारा गलत तरीके से लगाए जाने से इलाज के दौरान करीब 3 दिन बाद भोपाल में उपचार के दौरान मौत हो गई है ।अचानक घटित हुई घटना से परिजन बेहद आहत हैं ।उनकी बेटी शासकीय प्राथमिक शाला भिलाड़िया में पहली कक्षा पढ़ती थी। देवनगर सर्किल में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग की नर्स दीप्ति ओढ़ द्वारा गलत तरीके से कोविड टीका लगाई गया है। परिजनों ने आरोप लगाते हुए शुक्रवार की शाम कलेक्ट्रेट रायसेन पहुंचकर कलेक्टर अरविंद दुबे और सीएमएचओ डॉ दिनेश खत्री को शिकायत कर स्वास्थ्य महकमे के दोषी डॉक्टरों और स्टाफ नर्स पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है ।मृतिका के परिजनों का कहना है कि हमने अपनी मासूम बेटी के महंगे इलाज में कोई कसर नहीं रखी ।अपने पास जमा घर में रखी लाखों पूंजी खर्च कर दी है ।जिससे अब परिवार जैसे आर्थिक रूप से परेशान हैं ।जहां एक और प्रदेश की शिवराज सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बेटी को आगे बढ़ाओ के अभियान में जुटी हुई है ।दूसरी तरफ व
उनकी मासूम बेटी वैष्णवी के मामले में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसे में बच्चियों को कैसे बचा जा सकता है ।यह एक सोचनीय
पहलू है ।परिजनों ने बताया कि प्राथमिक शाला के भिलाड़िया के शिक्षकों और स्वास्थ्य विभाग की नर्स दीप्ति ओढ़ और सहित नोडल नोडल अधिकारी पूरी तरह से दोषी हैं ।मृतिका वैष्णवी के पिता बबलू विश्वकर्मा पिता मलखान सिंह भिलाड़िया थाना देवनगर गांव तहसील गैरतगंज शिकायतें की हैं ।5 वर्षीय मासूम शासकीय प्रा मा
भिलाड़िया की पहली की छात्रा थी ।जो 24 अगस्त 2022 को स्कूल गई थी ।उसी रोज प्राइमरी स्कूल भिलाड़िया में देवनगर स्वास्थ्य केंद्र का कोविड टीकाकरण कैंप लगाया गया था ।जिसमें स्टाफ नर्स श्रीमती दीप्ति ओढ़ द्वारा सभी बच्चों का टीकाकरण किया गया ।उन्होंने यह बआरोप लगाया कि एक ही सीरींन से बच्चों को टीकाकरण किया जा रहा था। मेरी बेटी की दूसरी बहन ने जो कक्षा 6 में पढ़ती है उसने टीके लगवाने से मना कर दिया था ।नर्स दीप्ति ओढ़ ने उनकी बेटी वैष्णवी के पैर में जबरदस्ती टीका लगाया गया। इसके बाद से ही उसकी बेटी वैष्णवी की तबीयत बिगड़ी जिसे लेकर देव नगर ब पहुंचे। वहां कुछ गोली और दवाइयां देकर घर जाने को कहा गया ।घर में तबियत बिगड़ने पर 108 एंबुलेंस की मदद से रायसेन के जिला अस्पताल रेफर कर दिया ।बाद में अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी तबीयत ठीक ना होने पर कमला नेहरू हॉस्पिटल भोपाल और पीपुल्स हॉस्पिटल भोपाल में भर्ती कराया गया ।यहां पुत्री वैष्णवी का इलाज 28 29 और 30 अगस्त 2022 को हुआ ।लेकिन आखिर में 31 अगस्त को शाम 4 बजे उसने दम तोड़ दिया ।उन्होंने जिला व पुलिस प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग से इस गलत कोविड-19 टीकाकरण की जांच कर दोषियों पर उचित कानूनी कार्यवाही कराए जाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि और मामले की सही निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो मानव अधिकार आयोग भोपाल और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सहित प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व सांची विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ प्रभुराम चौधरी से भी की जाएगी।
सालों से पदस्थ स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी मनीष ओढ़ स्वास्थ्य अफसरों के बने कमाऊ पूत…..,
देव नगर स्वास्थ्य केंद्र में बतौर प्रभावी प्रभारी के रूप में सालों से पदस्थ है मनीष और वह लंबे समय से कुर्सी कुर्सी पर जमे हुए हैं स्वास्थ विभाग के अधिकारियों का बयान दानी का जरिया बने हुए हैं उनकी 5 वर्ष की बच्ची वैष्णवी मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए मनीष ओढ़ के कार्यकाल की बबलू विश्वकर्मा सहित परिजनों ने आरोप लगाते हुए मांग की है कि इनका तबादला दूसरी जगह किया जाए क्योंकि को कोविड-19 प्रचार करने की जिम्मेदारी नहीं पर है वह पूरी तरीके से नहीं निभा रहे हैं सही जिससे बच्चे काल के गाल में समा रहे हैं उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी से इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है।