चंद्रेश जोशी सुदर्शन टुडे जिला ब्यूरो रायसेन
रायसेन।जिले की औधौगिक नगरी मंडीदीप में 16 सितंबर 2022 को दिनदहाड़े हुई 10 लाख रुपए लूट की वारदात को अंजाम देने वाले शातिर बदमाश नहीं थे। वे ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े युवा थे। इन चार आरोपियों में से दो आरोपी कानून की पढ़ाई कर रहे थे। जिन्होंने लूट की योजना बनाई और उसे फिल्मी स्टाइल में अंजाम भी दिया। उन्होंने पुलिस को गुमराह करने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए, हालांकि इसके बाद भी वह बच नहीं पाए।पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
एसडीओपी औदुल्लागंज मलकीत सिंह ने बताया कि जिन दो आरोपियों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया था। वे सुबह 10 बजे पडोनिया से मंडीदीप आए। फिर 11 मील से मिसरोद पहुंचे। इसके बाद उन्होंने 2 घंटे यही बिताए। यहीं से दोनों ने टी शर्ट खरीदी और उसे कपड़ों के ऊपर ही पहन कर मंडीदीप की ओर निकले। यहां दोपहर 1 बजे लूट की वारदात की और वापस भोपाल की ओर भाग गए। रास्ते में उन्होंने कपड़ों से ऊपर से पहनी गई टी-शर्ट को फेंक दिया और फिर यह दोनों क्लास अटेंड करने के लिए कॉलेज भी गए।
बाइक से हुई पहचान…
होशंगाबाद रायसेन पुलिस संभाग रेंज की आईजी दीपिका सूरी,एसपी विकाश कुमार शाहवाल फ्रेस कॉन्फ्रेंस में
ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपियों ने जिस नीले कलर की बाइक से वारदात को अंजाम दिया था। उसी से वह पकड़ में आ गए। पुलिस ने जिन सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की छानबीन की थी। उसमें नीले कलर की यह बाइक कई जगह नजर आई। इसके अलावा बाइक पर आरोपी युवक आयुष जैन और दीपक मीणा सवार थे। उनकी कपड़ों से भी पहचान हुई। आरोपी इतने शातिर थे कि पहचान छुपाने के लिए उन्होंने कपड़े भी बदले, लेकिन वह कैमरे में कैद हो गए।
बेटे ने मां बाप को दिया धोखा….
बताया जा रहा है कि युवक शुभम मीणा पर लगभग 8 लाख का कर्जा हो गया था। जिसकी जानकारी उसके घर वालों को नहीं थी। इसी कर्ज को चुकाने के लिए उसने यह योजना बनाई। परिवार में शुभम तीन बहनों के बीच अपने माता-पिता की इकलौता बेटा है। पिता 55 साल के रामनारायण मीणा बहुत सीधे-साधे और अनपढ़ किसान है। तीन बहनों में से सिर्फ बड़ी बहन की शादी हुई है। इसके बाद भी शुभम ने अपने माता-पिता और बहनों को धोखे में रखकर लूट की वारदात की साजिश रची। अपने घर वालों को गुमराह कर 10 लाख रुपए हड़पने की योजना बनाई, जो असफल रही।
बेटियों के विवाह को लेकर मां बाप की बढ़ी चिंता…..
पिता रामनारायण मीणा रुंधे हुए स्वर में कहते हैं कि जब पूत ही कपूत निकल जाए तो फिर क्या करें? कर्ज चुकाने के लिए जमीन का सौदा किया था।लेकिन अब ना जमीन रही ना पैसा और रहा बेटा भी जेल चला गया। तीन बेटियों में से एक बड़ी बेटी का ही विवाह हुआ है। अब उनको बाकी दो बेटियों के विवाह की चिंता सताने लगी है। दूसरी मंझली बेटी विवाह योग्य हो गई है।