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बैतूल

3 साल में जमा नहीं हो सकी हाट बाजार दुकानों की राशि ग्राम पंचायत बोरदेही का मामला

बैतूल सुदर्शन टुडे राहुल नागले

दुकान नीलामी में हो गई बड़ी गड़बड़ी बोली लगाने वालों को 7 दिनों में जमा करना था दुकानों का पूरा पैसा

ग्राम पंचायत बोरदेही आखिर क्यों है इतनी दुकानदारों पर मेहरबान 8 दुकानों की नीलामी का मामला तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है ग्रामीण उच्च न्यायालय की शरण में जाने के लिए है मजबूर नीलामी को 3 साल होने के बाद भी दुकानदारों को आखिर क्यों नहीं सौंपी गई नीलामी की दुकानें*

ग्राम पंचायत की नियम शर्तें के अनुसार ग्राम पंचायत के द्वारा मुख्यमंत्री बाजार हाट योजना के अंतर्गत बनी गई 8 दुकानों की नीलामी ग्राम पंचायत बोरदेही के द्वारा कराई गई थी इसमें कई व्यापारियों ने नीलामी में बढ़ चढ़ भाग लिया नीलामी की शर्तें कुछ इस प्रकार थी

‹1› प्रत्येक दुकान के लिए ग्राम पंचायत ने अमानत के रूप में हॉट बाजार वाली दुकानों की राशि ₹41000 तथा पुराना हाई स्कूल के पास की दुकान की राशि ₹21000 रखी गई थी!

‹2› ग्राम पंचायत के नियम और शर्तें अनुसार बोली की राशि 7 दिवस में जमा करने के लिए कहां गया था और रसीद प्राप्त कर दुकान का एग्रीमेंट कराने के लिए कहा गया था परंतु पंचायत से जानकारी के अनुसार बताया गया था कि 7 दिवस के अंदर पैसे जमा नहीं कर पाते हो तो दुकान दूसरी बोली बोलने वाले को देने की कार्रवाई की जाएंगी और अमानत राशि जप्त की जाएंगी परंतु ग्राम पंचायत के 3 वर्ष से लापरवाही बरतते हुए ना किसी दुकानदारों पर कार्रवाई की गई ना ही किसी की दुकान अगली बोली वाले को दी गई ग्राम पंचायत बोरदेही आखिर इन दुकानदारों पर इतनी मेहरबान क्यों है यह कह पाना बहुत ही कठिन साबित हो रहा है ग्राम पंचायत ने नीलामी के समय जो नियम शर्ते की फॉर्मेलिटी लागू की गई थी उसे अनदेखा क्यों किया जा रहा है या फिर ग्राम पंचायत बोरदेही किसी बड़े अधिकारी के दबाव में आ कर कार्रवाई करने में असमर्थ है

*ग्राम पंचायत दुकानों का मुद्दा 3 सालों से आखिर क्यों है उलझा*

नीलामी की शर्तों के अनुसार ग्राम पंचायत बोरदेही ने दुकानों की नीलामी कर तो दी परंतु आज तक दुकानों से बोली की राशि वसूली नहीं कर पाई अन्य व्यक्तियों ने बोली लगाई थी उनमें आक्रोश देखा गया। ग्राम के संदीप वाइकर ने बताया कि ग्राम पंचायत बोरदेही ने 3 वर्ष पूर्व हाट बाजार की दुकानों की नीलामी दो बार कराई एक बार दुकानों को विवाद में आने के कारण कुछ दुकानों की नीलामी के बाद रोक दिया गया था नीलामी के नियम में कुछ पॉइंट जोड़कर पुनः अगली तारीख को मुनादी कराकर नीलामी कराई गई जिस प्रकार से 8 दुकाने लंबाई चौड़ाई बराबर होने के साथ अलग-अलग श्रेणी में क्यों रखी गई मुख्य बाजार की दुकानें का रेट अलग पुराने हाई स्कूल के पास की दुकानों का रेट अलग रखा गया अमानत राशि भी बाजार चौक दुकानों की 41000 रखी गई थी और हाई स्कूल के पास की दुकानें की राशि ₹21000 रखी गई बाजारों की दुकानों में आरक्षण लागू नहीं किया गया कुछ ग्रामीणों ने आपत्ती लगाते हुए गंभीर आरोप लगाए थे परंतु दिखावे के लिए स्कूल के पास की दुकानों में अनुसूचित जाति जनजाति का आरक्षण दूसरे नीलामी में किया गया ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों के साथ भेदभाव किया गया ग्राम बोरदेही में सप्ताह में दो बाजार भरते हैं जिसमें अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को दो बाजार का लाभ नहीं दिया गया

ग्राम सभा में सामने आई ग्राम पंचायत की सारी हकीकत।

15 अगस्त को आयोजित ग्राम सभा में जब यह मुद्दा को उठाया गया तब सारी हकीकत सामने आ गई बोली लगाने ने अब तक नीलामी के पैसे ग्राम पंचायत में जमा नहीं किए इधर नीलामी की राशि जमा नहीं होने के बाद भी दुकानदारों से दुकानें खाली नहीं कराई गई और ना ही वैधानिक कारवाही की गई इसकी शिकायत पहले भी संदीप वाईकर के द्वारा उच्च अधिकारियों से की गई थी अधिकारियों ने कार्रवाई का हवाला देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था

*मुख्यमंत्री हाट बाजार मैं निर्मित 8 दुकानों का मामला हो सकता है उजागर नीलामी के समय 7 दिनों की अवधि देने के बाद भी 3 साल बीत जाने के बाद दुकानदारों ने नहीं जमा की बोली की राशि*

ग्राम पंचायत की लापरवाही लगातार ग्राम पंचायत बोरदेही में देखने को मिल रही है ग्रामीणों ने बताया कि जब नियम शर्तें मैं साफ लिखा गया है 7 दिनों में बोली धारी अपने पैसे ग्राम पंचायत में जमा करेंगे तो फिर 3 साल होने के बाद दंडात्मक कारवाही क्यों नहीं की गई क्या ग्राम पंचायत उन लोगों को बचाने में लगी है या फिर ग्राम पंचायत के अधिकारी किसी के दबाव में आकर कार्रवाई नहीं करने में असमर्थ है

*इनका कहना है*
शिकायतकर्ता पीड़ित ग्रामीण संदीप वाईकर नीलामी में नियम सबको एक सम्मान देना चाहिए मेरे द्वारा भी हाट बाजार की दुकानों में भाग लिया गया था परंतु मुझे पंचायत स्पेक्टर श्री नागले के द्वारा द्वारा कहा गया था 7 दिनों के अंदर बोली की राशि जमा करना है फिर भी मैंने अनुसूचित जाति का होते हुए बाजार चौक की दुकानों अधिक अमानत राशि देकर बोली लगाई गई थी 7 दिनों की अवधी होने के कारण अधिक बोली नहीं लगा सका जिस प्रकार से ग्राम पंचायत बोरदेही ने मेरे साथ क्या मेरे भविष्य के साथ भेदभाव किया है

इनका कहना है
दानिश खान सीओ जनपद पंचायत आमला सीओ मैं अभी फाइल बुलाकर जांच करवाता हूं नियम निर्देश में इस प्रकार की गड़बड़ी होंगी तो तत्काल दुकानों पर कार्रवाई की जाएगी

इनका कहना है
ग्राम सचिव नत्थू नागले ग्राम सभा में दुकानों की नीलामी का मुद्दा सामने आया है दुकानदारों को नोटिस जारी किया जाएगा इसके बाद जो नियम अनुसार हूंगा कार्रवाई की जाएगी

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