Sudarshan Today
सीहोर

सर्वार्थ सिद्धि व सुकन योगमें 30जून को मनाई जावेगी शनि जयंती ।

सुदर्शन टुडे संवाददाता दिनेश तिवारी सीहोर 

ज्योतिष शास्त्र में शनि जयंती का काफी महत्व होता है, क्योंकि शनि ग्रह ज्योतिष में महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा, शनि की दशा जातक के लिए सुख और दुख दोनों लेकर आती है। यही कारण है कि ज्योतिष में शनि को काफी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसी के साथ 30 मई 2022 को शनि जयंती मनाई जाएगी। डा पंडित गणेश शर्मा ने बताया की भगवान शनि का जन्म ज्येष्ठ माह में अमावस्या के दिन हुआ था। और ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। यही कारण है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि देव का पूजन-अर्चन किया जाता है। शनिदेव को कर्म फलदाता, दंडाधिकारी और न्यायप्रिय माना जाता है। इसी के साथ शनि देव अपनी दृष्टि से किसी भी जातक को राजा से रंक और रंक से राजा बना सकते हैं। इसीलिए ज्योतिष में शनि देव काफी महत्वपूर्ण माने जाते है। हिंदू धर्म में शनि एक देवता भी है और ग्रहों में प्रमुख एक ग्रह भी माने जाते हैं, जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में बहुत अधिक महत्व प्राप्त हुआ है। और शनि देव को सूर्य देव का पुत्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जेष्ठ माह की अमावस्या को ही सूर्य देव एवं छाया की संतान के रूप में शनि देव का जन्म हुआ था। और जेष्ठ माह की अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। स्वर्ण पदक प्राप्त ज्योतिषाचार्य डॉ पंडित गणेश शर्मा के अनुसार शनि जयंती पर इस वर्ष सोमवती अमावस्या और सर्वार्थ सिद्धि योग एवं सुकर्म योग बन रहा है। साथ ही शनि जयंती 2022 के दिन ज्येष्ठ अमावस्या है, जो सोमवार के दिन है ऐसे में यह सोमवती अमावस्या मानी जाती है। इसी के साथ इस दिन नदियों में स्नान करने और दान करने से जातक को पुण्य फल प्राप्त होता है। इसी के साथ इस दिन शनि देव की विशेष पूजा की जाती है। और इस वर्ष शनि जयंती 30 मई सोमवार के दिन मनाई जाएगी। इसके अलावा, शनि जयंती 2022 पर सर्वार्थ सिद्धि योग और सुकर्मा योग भी बन रहा है। इस दिन पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं व्रत भी रखती हैं। और धन-धान्य सुख, वैभव की प्राप्ति के लिए उपाय भी किए जाते हैं। इस दिन नदी में स्नान करना और पितरों का तर्पण करना, दान आदि का कार्य करना काफी पुण्य का कार्य माना जाता है। और इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत भी रखती हैं। साथ ही भगवान से धन, सुख, वैभव आदि की प्रार्थना भी करती है शनि जयंती 2022 पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस योग में शनिदेव की पूजा करने से जातक की सारी मनोकामना पूर्ण होती है क्योंकि सर्वार्थ सिद्धि योग कार्य में सफलता प्रदान करने वाला योग माना जाता है। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए पूजा पाठ का जातक को अवश्य फल प्राप्त होता है शनि जयंती 2022 के दिन शनि चालीसा शनि मंत्र का जाप शनि देव की आरती आदि करने से शनिदेव प्रसन्न होते है जातक को शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए “ॐ शनिश्चराय नम: मंत्र का जाप जरूर करें। साथ ही आपको इस दिन काले कपड़े, काले जामुन, काली उड़द की दाल, काले जूते, काले तिल के बीज, लोहा, तेल आदि चीजों को दान करना चाहिए। इससे आपको शुभ फल प्राप्त हो शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। साथ ही काली गाय की सेवा करने से शनि के अशुभ प्रभावों से छुटकारा मिलता है। साथ ही रोजाना यह कार्य करने से शनिदेव की कृपा जातक पर बनी रहती है। अगर जातक सुखी जीवन प्राप्त करना चाहता है, तो सबसे पहले काली गाय को पहली रोटी खिलानी चाहिए और फिर उसके माथे पर लाल सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए। इससे जातक को काफी लाभ होता है। साथ ही हर शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। आप पीपल के पेड़ पर जल या दूध चढ़ा सकते हैं। इससे आपको शुभ फल प्राप्त होता है। पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दिया जलाकर शनि की कृपा प्राप्त की जा सकती है। आपको शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए महामृत्युंजय मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करना चाहिए। साथ ही शनि की कृपा पाने के लिए जातक को अपने आहार में काला नमक और काली मिर्च का प्रयोग करना चाहिए।।

Related posts

” संडे हो या मंडे , नशे को मारो डंडे नशा मुक्ति अभियान का शुभारंभ “

Ravi Sahu

श्री क्षत्रिय राजस्थान राजपूत महासभा के नेतृत्व में आज इछावर में मनाया महाराणा प्रताप जन्मोत्सव

asmitakushwaha

केयर इंडिया संस्था ने ली इंटरफेस बैठक

Ravi Sahu

asmitakushwaha

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष संयुक्त मोर्चा अधिकारी कर्मचारियों द्वारा 2 घंटे का उपवास रख कर कर्मचारियों की मांगो के समर्थन मैं ज्ञापन सोपा गया

Ravi Sahu

आष्टा। महादेव इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग कॉलेज के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में योग दिवस मनाया गया।

asmitakushwaha

Leave a Comment