नीलेश विश्वकर्मा/पथरिया
पथरिया से बरा मार्ग होतें हुये घने जंगलों में स्थित पंच कुंडीय महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। यहां सप्त दिवसीय धार्मिक आयोजन हो रहा है। जो 31 मई तक चलेगा। आयोजन को लेकर सेमर कछार और आसपास के ग्रामीणों में खासा उत्साह है। हर कोई आयोजन में शामिल होर धर्मलाभ लेना चाह रहा है। यहां हर सुबह आठ से दोपहर 12 बजे तक धार्मिक आयोजन होंगे।25मई से 31 मई तक दोपहर 12 बजे से सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ होगी। पंच कुंडीय यज्ञ के लिए यहां पर विधि-विधान से यज्ञशाला का निर्माण किया गया है।
कार्यक्रम की शुरुआत से पहले 25 मई को कलश यात्रा निकाली गई। जिसमे नदी से सिर पर कलश धारण किए कन्याए पहाड़ी पर विराजित मां चण्डी के मंदिर पहुंची। यहां कलश यात्रा का समापन हुआ। बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से महिलाएं, पुरुष और ग्रामीण कलश यात्रा में सम्मिलित हुए। रविवार से हुई पंच कुंडीय यज्ञ प्रारंभ हो गया है। यज्ञाचार्य पंडित संतोष शर्मा उज्जैन ने बताया कि विश्व कल्याण के लिए यज्ञ का आयोजन हो रहा है। यज्ञ में सम्मिलित होने वाले जोड़े सात दिनों तक मां चण्डी परिसर में ही कठिन नियमों का पालन करते हुए वास करेंगे। पंच कुंडीय यज्ञ में पहले दिन यज्ञ में सम्मिलित होने वाले पांच जोड़ों ने प्रायश्चित कर्म पूजा विधि विधान से कर श्री गणेश पूजा के बाद यज्ञशाला में प्रवेश किया। इस दौरान पहाड़ी मंत्रोंच्चार से गुंज उठी।
यज्ञ के लिए बनाई शास्त्र सम्मत यज्ञशाला तैयार की गई है। जिसमें पांच कुंड और 16 खंभों हैं और फर्श से लेकर कलश स्थापना तक शास्त्रों में वर्णित विधि का पालन किया गया है। साथ ही यज्ञशाला को गोबर से लेपन कर पारंपरिक स्वरूप भी दिया गया है।
आज से श्रीमद् भागवत कथा की शुरुआत
पंच कुंडीय यज्ञ की शुरूआत के बाद 25 से 31 मई तक सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा की ज्ञान गंगा भी कथाचार्य पंडित शास्त्री जी के मुखारविंद से प्रवाहित होगी। सात दिवसीय कथा में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों की संख्या में महिलाओं और पुरुषों सहित ग्रामीण सम्मिलित होंगे।