सुदर्शन टुडे ज़िला ब्यूरो चीफ रिमशा खान
लटेरी | बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही और गैर जिम्मेदार तरीके से मुरवास आनंदपुर सबस्टेशन सहित समूचे क्षेत्र के ग्रामीणजन परेशान हो रहे हैं क्योंकि इस समय क्षेत्र में बिजली विभाग द्वारा अघोषित बिजली कटौती की जा रही है ना तो बिजली आने का कोई समय निश्चित है और ना ही जाने का रात रात भर जाग कर लाइट आने का इंतजार करते रहते हैं और जिम्मेदार अधिकारी हैं कि फोन ही नहीं उठाते किसी धोखे से फोन उठा भी ले तो कोई संतुष्ट जवाब नहीं देते, रात्रि को 10:30 बजे लाइट चली जाती है और 3 घंटे तक बिजली बंद ही रही ग्रामीणों ने बताया कि लाइट नहीं होने के कारण बच्चे ना तो दिन में सो पाते है और ना ही रात में क्योंकि घर में बहुत तेज गर्मी के चलते उमस होती है और रात को अचानक लाइट चली जाती हैं जिसके कारण बच्चे को मच्छर भी काटते हैं और बच्चा सही से सो भी नहीं पाता, कपड़ा व्यवसाई संतोष शर्मा ने बताया कि दिन भर मैं कम से कम 3 से 4 घंटे बिजली गायब रहती है और रात को यह सोचकर घर पहुंचते हैं कि चलो अब सुकून से नींद लेंगे लेकिन बिजली विभाग के लापरवाह और गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली के चलते रात में भी चैन से नहीं सो सकते घर में उमस होती है और ऊपर छत पर जाओ तो मच्छर काटते हैं बच्चे भी बहुत परेशान होते हैं अखबार से बच्चों की हवा करना पड़ता है तब जाकर बच्चे सो पा रहे हैं, प्रकाश प्रजापति ने बताया कि दिन भर मोटर वायरिंग का काम करते हैं और यही सोचकर घर पहुंचते हैं कि चलो बच्चों के साथ चैन से सो पाएंगे लेकिन जब घर पहुंच कर देखते हैं कि अचानक से बिजली चली जाती है और 3-3,4 -4 घंटे नहीं आती ऐसे में सोना तो दूर की बात चैन से बैठ भी नहीं पाते बच्चे चैन से सो सकें इसके लिए हाथ के बने बीजना से उनकी हवा करना पड़ता है और घंटों वहीं पर बैठकर और हां बिजली विभाग में लाइट बराबर रहती है अधिकारी कहते हैं कि कोयले की कमी के चलते बिजली संकट उत्पन्न हो रहा है क्या गांव में इंसान नहीं रहते जो कि ग्रामीण क्षेत्र की बिजली काट दी जाती है और तहसील मुख्यालय पर बराबर लाइट उपलब्ध रहती है
मौसमी बीमारियों का डर – दिन में तो भीषण गर्मी से आम इंसान का सुखचैन छीना ही है ऊपर से रात में भी बिजली विभाग की ओर से अघोषित बिजली कटौती के चलते घर के बाहर या छत पर मच्छर काट रहे हैं जिसके कारण मौसमी बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है
इनका कहना है विद्युत कटौती अभी जनरेशन कम होने के कारण एनडीपी कम होने के कारण कट रही है और अघोषित कटौती ई है उसके मामले में बस इतनी ही जानकारी है अभी ज्यादा कुछ नहीं है कितने दिन में सुधरेगी यह बड़े लेवल का मामला है जो ऊपर से आदेश आते हैं उसका पालन करना पड़ता है
मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से ग्रामीण क्षेत्रों की लाइट काटी जा रही है इस तरह का व्यवहार सरकार को नहीं करना चाहिए अगर बिजली कटौती हो रही है तो शहरी क्षेत्र एवं ग्रामीण क्षेत्र की हो अन्यथा ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरी क्षेत्र की अपेक्षा बिजली बराबर दी जाए नियम में अगर बिजली कटौती है तो शहर की लाइट भी उतनी ही काटी जाए जितनी ग्रामीण क्षेत्र की बिजली काटी जाती है जो कि ग्रामीण क्षेत्र में भी मतदाता चाहे वह विधायक हो या सांसद हो ग्रामीण क्षेत्र की जनता भी उनको अपना वोट देती है और वोट देकर अपने क्षेत्र की समस्या का हल कराने के लिए निर्वाचक करके भेजती है इसलिए ग्रामीण क्षेत्र के साथ यह दुर्गव्यवहार न किया जाए