लोहरदगा: किस्को बाजार टाँड़ स्थित में खिदमते खल्क हाजी कमेटी किस्को-लोहरदगा की अहम बैठक हाजी मोहम्मद आलम की सादात में की गई। जिसमें मुख्य रूप से कमेटी के सरपरस्त हाजी शमसुद्दीन अंसारी मौजूद रहे। मौके पर उन्होंने माहे रमजान के फजीलत बयान करते हुए कहा कि ईमान वालों पर रोजा फर्ज किए गए हैं जैसे कि अगले लोगों पर फर्ज था। इसी महीने कुरआन उतारा गया। रोजा सुबह सादिक से सूरज डूबने तक खाने-पीने और शहवत से रुके रहने का नाम रोजा है, सिर्फ भूखे रहने का नाम रोजा नहीं है बल्कि बुरी चीजों से परहेज भी करना है और ज्यादा से ज्यादा नेकी, सदका, खैरात, जकात व फितरा की आदायगी कर गरीबों का हिस्सा देना है। उन्होंने कहा कि माहे रमजान के महीने में नेकी का दर्जा 70 गुना बढ़ा दिया जाता है। इस महीने का पहला ओसरा 10 दिन रहमत का है, दूसरा ओसरा 10 दिन मगफिरत और तीसरा आखिरी 10 दिन जहन्नम से आजादी का है। इस ओसरा के ताक रातों 21, 23, 25, 27 व 29 का एक रात बरकत की रात है। जिसे कहा जाता है कि यह रात हजारों महीनों से भी ज्यादा बेहतर है। रोज़े का फायदा भूखे रहने से पेट को राहत और पाचनतंत्र को आराम मिलता है। तरावीह के एहतमाम से जिस्मानी वर्ज़िश हो जाती है। जिसे स्वस्थ लाभ होता है। इसके बाद सभी हाजी हजरात ने इस मुबारक महीने पाने का मुबारकबाद देते हुए दुआ की कि अल्लाह हमें आइंदा भी रमजान नसीब फरमाएं। अंत में माहे रमजान के बरकत से समाज और मुल्क में शांति की दुआ की गई। मौके पर हाजी यूसुफ अंसारी, हाजी कयामुद्दीन अंसारी, हाजी मोहम्मद आलम, हाजी मनीरूद्दीन, हाजी अजीज आजाद, यासीन अंसारी, सरफुद्दीन अंसारी सहित अन्य मौजूद रहे।