लोहरदगा
मदरसा मिस्बाहुल उलूम किस्को में मन्तजीमीन ने मौलाना ऐनुल हक नेजामी की सदारत में जलसा-ए- दस्तारबंदी का इनएकाद किया गया। जिसमें काफी संख्या में अलीम, हाफिज, हाजी हजरत के अलावे जिले के पुलिस कप्तान, थाना प्रभारी तथा स्थानीय प्रतिनिधि भी शामिल हुए। जिन्हें अराकिने कमेटी की ओर से सम्मानित किया गया। प्रोग्राम में किस्को मदरसा के बानी सेक्रेटरी खिदमत खल्क हाजी समिति के सरपरस्त हाजी शमसुद्दीन अंसारी, कमेटी के हाजी युसूफ अंसारी, हाजी कयामुद्दीन, हाजी अजीज आजाद के अलावा अन्य शिरकत किये और मदरसे के पांच हाफिज ए कुरान हाफिजों को कमेटी के ज़ानिब से शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। मौके पर हाजी शमसुद्दीन ने कहा कि कमेटी के दस्तूर के मुताबिक खिदमत खल्क समाज सेवा के साथ-साथ मदरसे को भी ताऊन में सहयोग करते रहेगी। हाजी शमसुद्दीन अंसारी ने शिक्षा की अहमियत बताते हुए कहा कि शिक्षा ऐसी आग है जो गुलामी के कफन को जलाकर राख कर डालती है। मनुष्य जीवन में शिक्षा की बहुत ही अधिक अहमियत है। शिक्षा विहीन मनुष्य पशु के समान है। इसी के बदौलत मनुष्य मानवीय जिंदगी को जमीन से उठकर आसमान का सैर कर रहा है। समुद्र के तह में छिपी चीजों को मानोपयोग बना दे रहा है। आगे उन्होंने कहा कि इस मदरसे में वर्षों से हिंदी, अंग्रेजी, गणित और विज्ञान के साथ-साथ कुरान हदीस की तालीम दी जाती है। मदरसे का मकसद कुरान व हदीस के पैगाम को आगे किया जाना है। उन्होंने कहा कि कहा( कुरान) लातुफसीदो फील अर्द- जमीन में फसाद मत करो, (कुरान) इंत्तल्लाह लायुहेबुल फसाद, बेशक अल्लाह फसाद को ना पसंद फरमाता है। वही इस्लाहे उम्मत के खेतावत के सिलसिले में मौलाना मुफ्ती समसुद्दीन राजस्थान ने कहा कि अपने और अपने अहलोअयाल को जहन्नम की आग से बचाओ, मासरे में निकाह को आसान बनाएं, दहेज मांगना और देना बंद करें। फजूल खर्ची ना कर बच्चों को तालीम दें।