बखतगढ़ सुदर्शन टुडे मीडिया प्रभारी अनोखी शेरा पाटीदार
रोचकवक्ताश्री संदीपमुनिजी ने बखतगढ़ में धर्मसभा में कहा 24 मार्च को फाल्गुनी चौमासी पर्व मनाएंगे
बखतगढ़। जीव कोई भी वस्तु आदि कुछ भी साथ नहीं लाया है और न ही साथ में ले जाएगा। जीव कर्म, पुण्य और पाप साथ में लेकर आया है और पर पर्व में भी यही साथ आने वाला है। ये प्रेरणादायी विचार आचार्यश्री उमेशमुनिजी के सुुशिष्य धर्मदास गणनायक प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी के आज्ञानुवर्ती रोचकवक्ताश्री संदीपमुनिजी ने श्री वर्धमान स्थानक भवन में धर्मसभा में व्यक्त किए।त्याग में ही मजा है त्याग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए रोचकवक्ताश्रीजी ने आगे कहा कि व्यक्ति को राग, द्वेष छोड़ना चाहिए। आज जीव मोह में ज्यादा फंसा हुआ है। पकड़ने में नहीं अपितु छोड़ने में मजा है, त्याग में ही मजा है। त्याग करने वालों को बाद में भी सभी याद करते है। जमीन पर नहीं बल्कि लोगों के दिलों पर राज करने में मजा है। जो त्याग करते हैं उसे भगवान मानकर पूजते हैं। इसलिए त्याग का बहुत अधिक महत्व है।
संयम में ही सुख देखा है
श्री रविमुनिजी ने कहा कि सबसे ज्यादा सुख संयम में देखा है। संयम के सुख के सामने देवताओं का सुख तुच्छ है। पांच इंद्रियों के विषयों में जीव फंसा हुआ है। जीव साधुओं के सुख को सुख क्यों नहीं मान रहा है, क्योंकि उसने इंद्रियों के भोग में ही सुख माना है। जबकि इंद्रियों के क्षणिक सुख एकांत रूप में दुख ही देने वाले हैं और इससे जीव का पतन ही होना है। मनुष्य भव की महत्ता बताते हुए मुनिश्री ने आगे कहा कि यह अनमोल मनुष्य भव संसार रूपी कीचड़ युक्त दल दल से बाहर निकलने के लिए मिला है। मुनिश्री ने कहा कि दादा गुरुदेवश्री सूर्यमुनिजी कहते थे कि देव, गुरु, धर्म का सानिध्य पाकर उनके सही मार्ग दर्शन में पांचों इंद्रियों के विषयों से बाहर निकला जा सकता है।
11 संयमी आत्माओं का मिल रहा है सानिध्य
रोचकवक्ताश्री संदीपमुनिजी, अतिशयमुनिजी, रविमुनिजी, सुलभमुनिजी, जिनांशमुनिजी, अनिशमुनिजी ठाणा 6 एवं साध्वीश्री मुक्तिप्रभाजी, प्रेमलताजी, कुसुमलताजी, अंगुरबालाजी व नित्यप्रभाजी ठाणा 5 सहित कुल 11 संयमी आत्माओं का यहां श्रीसंघ को सानिध्य मिल रहा है। श्रावक श्राविकाएं चारित्र आत्माओं के सानिध्य का पूरा पूरा लाभ ले रहे है। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ बखतगढ़ ने निवेदन किया कि संयमी आत्माओं के दर्शन, वंदन, मांगलिक के साथ अनुज्ञा, व्याख्यान, वाचनी, ज्ञान चर्चा एवं प्रतिक्रमण आदि का लाभ लेवे।
24 मार्च को फाल्गुनी चौमासी पर्व मनाया जाएगा
रविवार 24 मार्च को “फाल्गुनी चौमासी” पर्व है। श्रीसंघ ने अनुरोध किया कि इस पर्व दिवस पर जप, तप, त्याग, तपस्या, प्रतिपूर्ण पौषध, संवर, धर्म, ध्यान आदि के साथ अधिक से अधिक आराधना करने का लक्ष्य रखे। साथ ही उपवास, आयंबिल, नीवी, एकासन, बियासन आदि कोई न कोई तप करके इस महत्वपूर्ण पर्व दिवस पर धर्म स्थानक पर पहुंचकर “प्रतिक्रमण” का सभी अवश्य लाभ लेवे।
संलग्न फोटो : बखतगढ़ 22 मार्च 01
बखतगढ़ में स्थित श्री वर्धमान स्थानक भवन जहां संयमी आत्माओं के व्याख्यान हो रहे हैं।