पाथाखेड़ा, सारनी पुलिस के खिलाफ आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को खुला संरक्षण देने का आरोप
सुदर्शन टुडे समाचार बैतूल
बैतूल। डब्ल्यूसीएल में कार्यरत टाइमकीपर क्लर्क ने माईन तवा-2 डब्ल्यूसीएल पाथाखेड़ा में ड्यूटी के दौरान फर्जी हाजिरी लगाने का दबाव बनाते हुए डब्ल्यूसीएल में कार्यरत कृष्णा मिश्रा के खिलाफ ऑन ड्यूटी अभद्र व्यवहार करने एवं जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक से शिकायत की है। शिकायतकर्ता परेश कुमार युवने ने बताया कि वह तवा 2 माईन, पाथाखेड़ा क्षेत्र में एमटीके में टाईमकीपर क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं। विगत 18 मार्च को द्वितीय पाली एडवांश शिफ्ट में दोपहर 2.30 बजे के लगभग दीपक पवार एवं कृष्णा मिश्रा द्वारा सीनियर क्लर्क श्रीवास्तव बाबू के फोन से बात की। फोन पर कृष्णा मिश्रा द्वारा कहा गया कि शिवकुमार रोजाना तवा 2 खान के उपक्षेत्रीय प्रबन्धक के घर का कार्य करने जाता है उसकी हाजिरी प्रतिदिन बिना किसी के कहने पर लगा दिया करो, वह हमारा आदमी है, वह प्रतिदिन तुम्हारे पास हाजिरी लगाने नहीं आएगा। इस बात पर आवेदक ने समयपाल कक्ष के सामने आए बगैर फोन पर हाजिरी लगाने से मना कर दिया, इस बात से आग बबूला होकर कृष्णा मिश्रा द्वारा गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी दी। आवेदक ने बताया कि धमकी देने के दौरान उनका फोन का स्पीकर चालू था, अन्य सहकर्मियो ने भी धमकियों को सुना।
परेश कुमार युवने का कहना है कि अपशब्दों और अभद्र व्यवहार से उनकी भावनाओं एवं सम्मान को काफी ठेस पहुंची, मन में डर एवं भय बना हुआ है। शिकायत आवेदन में उन्होंने उल्लेख किया कि अगर उनके साथ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना माईन परिसर, माईन परिसर से बाहर या घर पर घटती है तो इसके पूर्ण जिम्मेदार दीपक पवार एवं कृष्णा मिश्रा होंगे। क्योंकि इन्होंने जान से मारने की धमकी दी है। परेश ने बताया कि अनावेदक आदतन अपराधी है। इन पर पूर्व में कई मामले भी दर्ज हुए है। इसके बाद भी पाथाखेड़ा एवं सारनी पुलिस का इनको खुला संरक्षण प्राप्त हैं। इन आदतन अपराधियों पर स्थानीय प्रशासन कार्यवाही करने के लिए तैयार नहीं हैं।– पुलिस चौकी पाथाखेड़ा में घंटो बैठा रहा आवेदक–आवेदक परेश ने बताया कि ऑन-डयूटी समय में अभद्रता की शिकायत करने जब वे पुलिस चौकी पाथाखेड़ा पहुंचे तो उन्हें पुलिस ने दोपहर से रात्रि 11 बजे तक बेवजह बिठाए रखा। उसके बाद भी एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधियों के दबाव में पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। पीड़ित होने के बावजूद मुलजीम जैसा व्यवहार किया गया, आवेदक का कहना है कि पुलिस के इस व्यवहार से वे मानसिक रूप से प्रताड़ित हुए। निम्न जाति अनुसुचित जाति वर्ग का होने के कारण पुलिस प्रशासन द्वारा अन्याय किया जा रहा है। आवेदक परेश कुमार युवने ने एसपी से अनावेदकों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की मांग की। ताकि वे कंपनी का कार्य बिना किसी भय के सम्पादित कर सके और भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो। आवेदक ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, आईजी पुलिस विभाग, एससी एसटी आयोग को भी प्रेषित की है।