सुदर्शन टुडे गंजबासौदा (नितीश कुमार)।
कलिपावन अवतार जगतगुरु स्वामी रामानंदाचार्य का 724 वां प्राकट्य महोत्सव जीवाजीपुर स्थित वेदांत आश्रम में बड़ी धूम-धाम से मनाया गया। जिसमें स्वामी रामानंदाचार्य जी का आश्रम के महंत, संस्कृत विद्यालय के छात्रों व भक्तों ने वैदिक विधि से पूजन अर्चन किया तथा संकीर्तन यात्रा निकाली। स्वामी जी ने जाति भेद को मिटाकर जीव मात्र को राम भक्त का अधिकारी बनाया, उन्होंने विशिष्टा द्वैत श्री संप्रदाय के स्वामी श्री राघवाचार्य जी से दीक्षा ग्रहण की उनका प्राकट्य तीर्थ राज प्रयाग की पावन भूमि पर एक ब्राह्मण परिवार में पिता पुण्य सदन माता सुशीला देवी के यहां संवत १३५६ में हुआ हरि को भजै सो हरिको होई, जाति पाति पूछे नहीं कोई। भक्ति बन्त अति नीचउ प्राणी, मोहि परम प्रिय असिमम वाणि। इसी को सार्थक करते हुए स्वामी रामानंदाचार्य जी ने सभी जातियों को अपना शिष्य बनाया। जैसे अनंतानन्द जी सुरसुरानंद जी, सुखानंद जी, नरहरियानंद जी, योगनंदजी, पीपाजी, कबीरदास जी, भावानंद जी, सेनानाई जी, धन्ना जाट जी, गालवनंद जी आदि।