सुदर्शन टुडे, जिला ब्यूरो-रामकुमार विश्वकर्मा
भारत के महानतम समाज सुधारक, विचारक और दार्शनिक थे ‘स्वामी विवेकानंद’- संघ जिला प्रचारक प्रशांत चौबे। नरसिंहपुर- स्वामी विवेकानंद जी की जयंती 12 जनवरी “राष्ट्रीय युवा दिवस” पर जिला स्तरीय व्याख्यान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। मध्यप्रदेश प्रदेश जनअभियान परिषद के तत्वाधान में स्वामी विवेकानन्द जी की जयंती”राष्ट्रीय युवा दिवस” जिलास्तरीय व्याख्यान माला कार्यक्रम मैं मुख्य अतिथि महंत बालक दास जी महाराज श्रीदेवराम जानकी ख़िरका मंदिर गाडरवारा व विश्व हिंदू परिषद प्रान्त संयोजन साधुमण्डल महाकोशल प्रान्त, कार्यक्रम की अध्यक्षता पं.नीरज महाराज जी अध्यक्ष नगरपालिका परिषद नरसिंहपुर मंच संचालन प्रतीक दुबे विकासखंड समन्वयक एवं श्री प्रशांत जी चौबे जी जिला प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नरसिंहपुर जो कि व्याख्यानमाला के मुख्यवक्ता की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। व्याख्यानमाला कार्यक्रम का शुभारंभ सनातन संस्कृति के संवाहक युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्जवलन से किया गया। कार्यक्रम की प्रस्तावना व अतिथियों का स्वागत उद्बोधन परिषद के जिला समन्वयक जयनारायण शर्मा जी ने किया।व्याख्यानमाला कार्यक्रम में पूज्य महंत बालकदास जी ने अपने वक्तव्य में बताया कि स्वामी विवेकानंद जी का पूरा जीवन सनातन संस्कृति एवं भारत वर्ष के लिए समर्पित रहा है उन्होंने विश्व बंधुत्व का शंखनाद सम्पूर्ण दुनिया के समक्ष प्रभावी रूप से रखा है जो हम सबके लिए गौरव की बात है। स्वामी जी युवाओं के प्रेरणास्रोत है उनके जीवन व विचारों से अनुप्राणित होकर राष्ट्र कार्य में युवा अपना अमूल्य समय व श्रम प्रदान कर रहे हैं आज धारा अविरल बह रही है।कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला प्रचारक मानवीय प्रशांत चौबे जी ने अपने वक्तव्य में कहां की स्वामी विवेकानंद भारत के महानतम समाज सुधारक, विचारक और दार्शनिक,अध्यात्म एवं विज्ञान में समन्वय एवं आर्थिक समृद्धि के प्रबल समर्थक थे। स्वामी विवेकानंद के अनुसार ”लोकतंत्र में पूजा जनता की होनी चाहिए। क्योंकि दुनिया में जितने भी पशु-पक्षी तथा मानव हैं वे सभी परमात्मा के अंश हैं।” स्वामी जी ने युवाओं को जीवन का उच्चतम सफलता का अचूक मंत्र इस विचार के रूप में दिया था – ”उठो, जागो और तब तक मत रूको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये।” स्वामी विवेकानंद समाज सुधारक और सेवक होने के साथ ही आध्यात्मिक गुरु भी थे, जिन्होंने देश-दुनिया को धर्म व अध्यात्म का पाठ पढ़ाया. उनके द्वारा दिए संदेश और उनके विचार युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गए. क्योंकि वे अपने अधिकतर संदेश और भाषण में युवाओं को संबोधित करते थे. इसलिए उनके विचारों को युवाओं की सफलता का मूल-मंत्र कहा जाता है।स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन का हर क्षण देश के लिए समर्पित कर दिया। उनका पूरा जीवन हर किसी के लिए एक मिशाल की तरह है। हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है, जो स्वामी विवेकानन्द की जयंती का प्रतीक है।उन्होंने स्वामी जी के जीवन प्रसंगों को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं,जन अभियान परिषद के परामर्शदाता नवांकुर संस्थाएं प्रस्फुटन समितियां सी एम सी एल डी पी के विद्यार्थी एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।