भास्कर पाण्डेय एम पी हेड
सुदर्शन टुडे डिंडोरी
जिले में मलाईदार वाले विभागों में पदस्थ अधिकारी लोकायुक्त टीम के शिकंजे में फस चुके थे और जिनकी जांच चल रही है लेकिन वो अपनी पहुच के चलते आज भी उसी मलाईदार पद में पदस्थ है यंहा तक कि वितीय पावर भी पास में रखे है । सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग में पदस्थ संतोष शुक्ला को आय से अधिक सम्पति मामले में मंडला जिले में पदस्थ के दौरान लोकायुक्त टीम ने इनके रीवा,भोपाल स्थित आवासों में छापेमारी की थी । शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त में शिकायत की थी कि संतोष शुक्ला अपने पद में रहते हुए 200 सौ करोड़ की संपति बनाई । संतोष शुक्ला की पहुच बड़े बड़े नेताओं मंत्रियों से है इसलिए इन्हें डिंडोरी जिले में सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग में पदस्थ कर दिया गया । इसी तरह से डिंडोरी जिले में पदस्थ खाद अधिकारी एक़े श्रीवास्तव जिनको अनूपपुर जिले में पदस्थ के दौरान लोकायुक्त की टीम ने उज्ज्वला योजना कार्यक्रम में खर्च राशि की मांग गेस एजेंसी संचालक अनिल कुमार प्रजापति से 18 हजार लेते पकड़ा था । जो अपनी पहुच के चलते डिंडोरी जिले में खाद अधिकारी के पद में पदस्थ है । इसी तरह से डिंडोरी जिले में पीडब्ल्यूडी विभाग में पदस्थ एसडीओ विजय चौहान को छिंदवाड़ा जिले में पदस्थ के दौरान एक ठेकेदार से 2.50 लाख की रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम ने दबोचा था ये भी अपनी राजनेतिक पहुच के बल पर डिंडोरी में पदस्थ है । नगर परिषद डिंडोरी में पदस्थ उपयंत्री विधुत विभाग अशोक दीक्षित भी बड़ी हस्ती है इन्होंने तो छतरपुर में उपयंत्री पद में रहते हुए अपने दो बेटों को प्रधानंत्री आवास का लाभ दिलवाने के साथ ही नगर पालिका छतरपुर के खाते से अपनी सास के नाम नोगांव में स्थित आवास का बिजली बिल 1,60,678 रु चुकवा दिया था साथ ही अपने दोनों बेटों आकाश दीक्षित व अभिषेक दीक्षित के नाम डीपीआर तैयार करवा के एक एक लाख रु उनके खाते में डलवा दिए थे इन सब मामलों को देखते हुए नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल ने निलंबित कर दिया था । अभी ये महाशय डिंडोरी में अपनी सेवाएं दे रहे है । एस के द्विवेदी जो वर्तमान में शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय डिंडोरी के प्राचार्य है ये भी लोकायुक्त टीम के शिंकजे में फंस चुके है । विकासखंड शिक्षा अधिकारी डिंडोरी में पदस्थ के दौरान इन्होंने चिचरिंगपुर हाई स्कूल के प्रभारी प्राचार्य रामकुमार सैयाम से वेतन निकलवाने व सस्पेंड नही करने के एवज में प्राचार्य से 25 हजार की मांग की थी सौदा 20 हजार में तय हुआ जिसकी शिकायत प्राचार्य ने लोकायुक्त में कर दी थी जैसे ही एसके द्विवेदी को प्राचार्य ने रिश्वत की राशि दी वैसे ही लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया । इनको भी उत्कृष्ट विद्यालय में प्राचार्य के पद में पदस्थ कर दिया गया साथ ही वितीय पावर देकर नवाजा गया है । डिंडोरी जिले में ऐसे अधिकारी जो लोकायुक्त टीम के शिंकजे में आ चुके थे उन्हें फिर वही पद देना कहा तक सही है ये तो सरकार व इनके बड़े नेता मंत्री ही समझ सकते होंगे । इन भृष्ट अधिकारियों के रहते जिले का विकास कैसा होगा ये जनता के साथ सरकारी सिस्टम अच्छी तरह जानता है । जितने भी ये जो अधिकारी लोकायुक्त टीम के शिकंजे में आये ये सब अखबारों की सुर्खियो में छाए रहे