संवाददाता रानू जावेद खान
जवेरा दमोह
दमोह जिले के जनपद जबेरा अतंर्गत आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में व्यारमा नदी से निकाली गई रेत का उपयोग किया जा रहा है। लाखों रुपयों से होने वाले विकास कार्यों में दिखाने के लिए मानक रेत रखकर स्थानीय नदी,नालों से लाई गई रेत का खुलेआम उपयोग किया जा रहा है। जिसके चलते होने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया जा रहा है। ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत पटना मानगढ़ में दिखाई दिया,जहां इन दिनों मनरेगा योजना के तहत करीब 14 लाख 90 हजार रुपए की लागत से नाले पर स्टाप डैम का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें मिट्टीयुक्त नदी की रेत का उपयोग हो रहा है। हालांकि मौका स्थल पर निर्माण कार्य के लिए तय मानक रेत भी डाली गई है,जिससे अधिकारियों को भ्रमित किया जा सके। यहां स्टाप डैम में घटिया रेत को छिपाने के लिए महानदी से लाई गई रेत ऊपर से डाल दी गई है। वही जनपद पंचायत द्वारा निर्धारित एस्टीमेट के अनुसार काम न कराकर वेस (नीव) में गिट्टी सीमेंट एवं रेता की जगह छोटे छोटे पत्थर एवं नदी की लोकल रेत तथा बहुत कम मात्रा में सीमेंट डालकर नीव को ही कमजोर बनाया जा रहा है,जिस कारण स्टॉप डैम घटिया स्तर के बन रहे हैं, जिसमें पानी रोकने के बजाय कृषकों को नुकसान होने की संभावना है। ग्रामीणों का कहना है कि स्टॉप डैम के बेसमेंट बनाने में गिट्टी रेता लोहा सरिया एवं अच्छी मात्रा में सीमेंट का इस्तेमाल होना चाहिए जिससे वह मजबूती पकड़ सके, ग्रामीणों ने अधिकारियों से घटिया निर्माण कर बनाए जा रहे स्टॉप डेम की जांच करने की मांग की है। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि जिस स्थान पर स्टॉफ डेम निर्माण करना स्वीकृत हुआ है वह निर्माण ना कराया जा कर अन्य स्थान पर किया जा रहा है।जानकारी अनुसार यह कार्य सरपंच सचिव द्वारा ठेकेदार से कराया जा रहा है,जिसमे ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग कर गुणवत्ताहीन कार्य कराया जा रहा है। सरपंच सचिव की यह लापरवाही शासन की योजनाओं को पलीता लगाती हुई दिखाई दे रही है,जहां ठेकेदार द्वारा मनमानी से कार्य कर स्टाफ डैम का निर्माण किया जा रहा है।इस संबंध में जिला मनरेगा अधिकारी एवम जिला पंचायत सीईओ से बात करनी चाही किन्ही कारणवश बात नही हो सकी। इनका कहना है पटना पंचायत में मनरेगा योजना से बनाए जा रहे स्टाफ डैम में यदि घटिया सामग्री का उपयोग हो रहा तो इस मामले में सहायक यंत्री से बोलकर जांच कराते है। रामेश्वर पटेल, सीईओ जवेरा