सुदर्शन टुडे संवाददाता शिवशंकर राठौर
झिरन्या। बहुत दिनों बाद झिरन्या नगर में हाथी और उनके साथ बाबाओं की टोली आई तो नगर वासियों ने कहा बचपन की यादें ताजा हो गई क्योंकि बचपन में हाथी को देख कर बहुत खुशी होती और बचपन के दोस्तो के साथ देखने का उत्साह और पापा के साथ हाथी के पास जाकर उनकी सूंड का हाथ लगाना मेरे दोस्त अंतिम गुप्ता ने 90 की दशक यादें शेयर की उन्होंने कहा झिरन्या स्कूल में 5 वि क्लास में सुंगधी सर स्कूल के वोटले में बैठा कर पढ़ाते थे जैसे ही गांव में हाथी आता था हम सभी दोस्त हाथी को देखने के लिए गांव में पीछे पीछे घूमते थे जब तक घूमते थे जब तक हाथी गांव से बाहर न जावे जब न मोबाइल था न कैमरा झिरन्या में सिर्फ फोटो ग्राफर सोनीजी के पास कैमरा रहता था वो भी 10 रु लेते थे एक फोटो के घूमते घूमते दोस्तो को भूख लगे तो उस टाइम नास्ते में हमारे झिरन्या में दो सुपर स्टार होटल होती थी काका होटल एवम् संतोष होटल 80,90 दशक में दोस्तो का टाकीज जित्ता भाई का वीडियो 2 रु में तीन घंटे पूरी फिल्म जब हमारे गांव के सरपंच श्री प्रीतम सिंह खनूजा थे उनकी कपड़े की दुकान एक शोरूम से कम नही थी अंतिम गुप्ता ने कहा आज हाथी को देखकर पुरानी यादें ताजा हो गई