सुदर्शन टुडे डिंडोरी
सात साल पुराने मामले में आया फैसला
ऋण की सब्सिडी की राशि 150000/- प्रदाय करने के बदले 50000/- रिश्वत मांगने वाले सहायक संचालक को 04 वर्ष सश्रम कारावास एंव 5000/- रूपये का अर्थदंड
डिंडोरी : जिला न्यायालय के मीडिया सेल प्रभारी मनोज कुमार वर्मा, अभियोजन अधिकारी द्वारा बताया गया कि थाना विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन इकाई जबलपुर के अप0क्र0 177/2015 प्रक0 क्र0 01 /2019 के आरोपी के.के. अवस्थी, सहायक संचालक कार्यालय पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विभाग जिला डिंडोरी को ऋण की सब्सिडी प्रदाय करने के बदले 50,000/- रूपये रिश्वत की मांग करने के मामले में न्यांयालय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम डिंडोरी द्वारा आरोपी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(2)(डी) सहपठित धारा 13(2) के अपराध के लिए 04 वर्ष सश्रम कारावास एवं 5000/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया, अर्थदण्ड की राशि अदा न करने पर 03 माह अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताये जाने का आदेश पारित किया गया । शासन की ओर से मनोज कुमार वर्मा, विशेष लोक अभियोजक द्वारा मामले का सशक्त संचालन किया गया ।यह है पूरा मामला: घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है, प्रार्थी थाना आकर लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया कि, मेरी पत्नि के नाम पर कपड़ों की दुकान(गारमेन्ट शॉप) हेतु पांच लाख रूपये का ऋण स्वीकृत हुआ है । शासन की नीतियों के अनुसार इस पर डेढ़ लाख रूपये की सब्सिडी प्राप्त होना है, जिसके लिये मैं विगत 06 माह से के के अवस्थी से निवेदन कर रहा हूँ , परन्तु वे 50,000/- की रिश्वत मांग रहे हैं । लोकायुक्त पुलिस द्वारा प्रार्थी के आवेदन के आधार पर टीम गठित कर कार्यवाही करते हुए दिनांक 01/06/2016 को के.के. अवस्थी को 10000/- रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा । पश्चात आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया एवं विवेचना की गई । विवेचना में संकलित साक्ष्य के आधार पर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया । तदुपरांत अभियोजन के साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम डिंडोरी द्वारा उपरोक्तानुसार दण्ड से दण्डित किया