मधुसूदनगढ़ – आर.एस.नरवर
नवगठित मधुसूदनगढ़ नगर परिषद में प्रथम परिषद के चुनाव हुए तेरह महीने बीत चुके हैं और जनता ने परिषद् के चुनाव में अपना योगदान देकर 15 पार्षदों को चुनकर अपने मताधिकार के कर्तव्य को पूर्ण कर अपने अधिकार प्रतिनिधियों को सौंप दिये हैं परन्तु अभी तक परिषद में प्रशासन की ओर से भेजे गए मुख्य नगर पालिका अधिकारियों द्वारा सामंजस्य बिठा पाने की कार्य कुशलता के अभाव के कारण विकास को गति न देकर नेताओं की चापलूसी ज्यादा करने की खबरें नगर में जन चर्चा का विषय बन चुकी हैं परिषद अध्यक्ष एवं पार्षदों के द्वारा इन अधिकारियों के द्वारा काम न करने को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को भी कई बार अवगत कराया गया परंतु जनता के काम आज भी नहीं हो पा रहे हैं नगर की जनता हार थक कर नेताओं का चुनाव में अपने दरवाजे पर आने का इंतजार कर रही है कब नेता वोट मांगने उनके घर आयें और वे अपनी काम न होने की भडास निकाल सकें स्थानीय नेतृत्व भी अपने उच्च नेताओं को अपनी व्यथा कई बार सुना चुके हैं परंतु कोई हल नहीं निकल पाया देखना होगा विधान सभा चुनाव के पूर्व नगर की जनता का रुख किस तरफ मुड़ेगा ? विकास की बागडोर किस पार्टी के हाथ में होगी ?