शकील अहमद सुदर्शन टुडे लोहरदगा
जान जोख़िम में डालकर सड़क पर चलने को विवश है ग्रामीण
लोहरदगा जिले के किस्को प्रखंड अंतर्गत नारी धुर्वा मोड़ से पाखर होते हुए सांगोडीह तक सड़क नहीं बनने से लोगों को आगमन करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां वर्षो से ग्रामीण सड़क निर्माण की मांग करने के बावजूद भी सड़क नहीं बनी। जिसके कारण ग्रामीणों में प्रशासन, विधायक, सांसद मंत्री के प्रति काफी रोष है। इसके अलावा इसी सड़क से रोजाना हिंडाल्को माइंस से ट्रक परिचालन कर लाखों करोड़ों रुपए का मुनाफा कमाने वाले हिंडालको कंपनी के प्रति ग्रामीणों में रोष है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि हिंडालको कंपनी विकास के नाम पर यहां का लोगों को धूल खिला रही है और लोग घातक बीमारी से दिनों दिन ग्रसित हो रहे है। हिंडाल्को विकास के नाम पर भोले भले ग्रामीणों को बेवकूफ बना कर कागज में ही विकास कर रहा है। यहां सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे पतली सड़क होने के कारण आए दिन घटनाएं घटती रहती है। बरसात के दिनों में ग्रामीण कीचड़ से परेशान रहते है। जबकि बारिश नहीं होने पर धूल से परेशान रहते है। आसपास के पेड़ पौधों पर धूल की मोटी-मोटी परत चढ़ जाता है औऱ सड़क किनारे बसे लोगों के घरों में धूल घुसने से परेशान रहते है। गौरतलब हो कि वित्तीय वर्ष 2016-17
में सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीण कार्य विकास विभाग से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का कार्य शुरू हुआ परंतु आधार अधूरा कर ओम साइ मंगल मूर्ति कंस्ट्रक्शन कंपनी फरार हो गया और सड़क का स्थिति जस का तस रह गया है। वहीं सड़क की स्थिति को लेकर पाखर पंचायत के पंचायत समिति सदस्य वीरेंद्र उराँव में सड़क का जायजा लिया। जिसमें उन्होंने सड़क की दयनीय स्थिति को लेकर कहा कि लोगों को सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। हिंडाल्को कंपनी बस अपना विकास करने में लगा हुआ है और क्षेत्र के लोगों से कोई सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि हिंडाल्को को खनन क्षेत्र में मुनाफे का 40 फ़ीसदी खर्च स्वास्थ, शिक्षा, पेयजल, सड़क जैसे बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराना है परंतु हिंडालको कंपनी सिर्फ खाना पूर्ति कर रही है।