सुदर्शन टुडे पंकज जैन आष्टा
– किसान बोले, व्यापारी की दुकान पर कांटे से तौल में हो रही गड़बड़ी
. जिले की आष्टा कृषि उपज मंडी के 160 में से 70 तौल कांटे खराब होकर कक्ष मेंं पड़े होकर धूल खा रहे हैं। वही बाकी चालू 90 कांटे कहां लगे हैं उनका भी कोई अता पता नहीं है। इसका फायदा मंडी के कई व्यापारी उठा रहे हैं। व्यापारी दुकान पर खुद के कांटे से उपज तौल में गोलमोल कर किसानों को चूना लगा रहे हैं। किसान इसकी शिकायत दर्ज करा रहे,लेकिन मंडी प्रबंधन ध्यान देने की बजाए लापरवाही दिखाने में लगा है।
जानकारी के अनुसार आष्टा मंडी में तीन क्विंटल की तौल वाले 160 कांटोंं को खरीदा था। इन कांटों को बकायदा दुकानदारों को किराए से देना था। इसका यही उद्देश्य था कि मंडी के अधीन कांटों से व्यापारियों की दुकानों पर किसानों की उपज तौलने में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हो। मंडी मेें ऐसा नहीं हो सका है। प्रबंधन ने तौल कांटों की तरफ ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा, जिससे कई खराब होकर कमरे में पड़े होकर शोपीस बनकर शोभा बढ़ाने में लगे हुए हैं।
नहीं होती है कांटों की जांच
आष्टा मंडी में अभी व्यापारी की दुकानों पर लगे इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटों से ही किसानों की उपज की तौल होती है। किसानों का कहना है कि कई व्यापारियों ने कांटों में गड़बड़ी कर रखी है। जिससे कांटा बोरे में ज्यादा उपज भरी होने के बावजूद उसका वजन कम बताता है। इससे सीधा उनको नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि मंडी प्रबंधन और नापतौल विभाग भी इस दिशा में ध्यान नहीं दे रह है। यदि कांटों की ठीक से जांच होती है तो बड़ा गड़बड़ झाला उजागर हो सकता है।
कर रखा है अवैध अतिक्रमण
आष्टा मंडी में 200 लाइसेंसधारी व्यापारी, 900 हम्माल, 72 तुलावटी दर्ज हैं। रबी और खरीफ सीजन में 20 हजार क्विंटल से अधिक की प्रतिदिन आवक रेकार्ड होती है। इतना सब कुछ होने के बावजूद कुछ व्यापारियों ने दुकानों के सामने अवैध अतिक्रमण कर रखा है। व्यापारियों ने दुकानों के सामने बोरियों की छल्ली लगा रखी है तो वही परिसर में ही उपज को फैलाकर पटका जाता है। इससे सीजन की बंपर आवक के दौरान अव्यवस्था फैलती है, जिसका खामियाजा किसानों को परेशानी के रूप में भुगतना पड़ता है। मंडी प्रबंधन इस अतिक्रमण को हटाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।
वर्जन…
कृषि उपज मंडी में 160 कांटे हैं, जिनमें से 90 चालू स्थिति में है। मंडी निरीक्षक समय पर व्यापारियों के कांटों की भी जांच करते हैं। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई भी की जाती है।
राजेश साकेत, सचिव कृषि उपज मंडी आष्टा