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MANDLA

सीएमएचओ की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे मासूम बच्चे आरबीएसके चिकित्सकों के भ्रष्टाचार का शिकार हुए बैगा परिवार

सुदर्शन टुडे न्यूज जिला ब्यूरो चीफ हीरा सिंह उइके की रिपोर्ट

 

मंडला। सरकार गले फाड़ -फाड़कर कर स्वास्थ्य सेवा एवं मासूम बच्चों को मिलने वाली योजनाओं को गिनाने में कोई कमी नहीं छोड़ रही है। मण्डला एक आदिवासी बाहुल्य जिला है वहीं जिले की मवई एवं बिछिया विकासखंड को बैगा जनजाति परिवार के लिए शासन द्वारा मिलने वाली योजनाओं पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया जा रहा है। वहीं शासन द्वारा मिलने योजना लोगों के हाथ तक नहीं लग रही है, जिले में प्रशासन की लापरवाही एवं भ्रष्टाचारी का शिकार हुए बिमार बच्चों को की दयनीय स्थिति को देखते हुए दैनिक सांध्य प्रकाश की टीम द्वारा आरबीएसके के डिस्ट्रिक्ट कार्डिनेटर अर्जुन सिंह से आरबीएसके योजना का लाभ नहीं मिलने का कारण पूछा गया डिस्ट्रिक्ट कार्डिनेटर द्वारा स्वयं को बचाने को लेकर मामले की जांच का आश्वासन देकर मामले को रफा-दफा करते नजर आए वहीं जिले की पिछड़ी जनजाति को सरकार की योजना एवं जच्चा-बच्चा कार्ड तथा आवश्यक पोषक आहार से मां-बच्चे को वंचित रखने का कारण महिला एवं बाल विकास विभाग से पूछने पर चुनाव की व्यस्तता बताया गया।जब शासन-प्रशासन मामले की जांच कर रही है और चुनाव में व्यस्त है तो आवंटित राशि के गबन का कारण क्या है?अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि यदि आवंटित राशि का बिल-बाऊचर प्रस्तुत है तो शासकीय योजनाओं का लाभ लोगों को क्यों नहीं दिया गया?

*सीएमएचओ की लापरवाही का कर्मचारी उठा रहे भरपूर फायदा*

जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था जर्जर हो चुकी है विभाग की अनेकों लापरवाही एवं भ्रष्टाचारी के मामले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कीर्ति चन्द्र सरोते को उंगलियों पर जाकर गिनाया जा चुका है,परन्तु सीएमएचओ को खटिया के रिसोर्ट में बैठकर टाइगर देखने से फुर्सत नहीं है,आज स्वास्थ्य विभाग की स्थिति यह हो चुकी है कर्मचारी घर में बैठकर अपनी तनख्वाह ले रहे हैं,जिसकी हिस्सेदारी जिम्मेदार भी प्राप्त कर रहे हैं मामला सीएचसी बिछिया अंतर्गत कांसखेडा़ के एमपीडब्ल्यू दिनेश आर्मो का है जो वर्षों से ड्यूटी में तैनात नहीं है,मामले की शिकायत जिम्मेदारों को किया गया तो जिम्मेदारों का कहना है कि मैं कहाॅं-कहाॅं ध्यान रखूं,वहीं वेतन-हाजिरी की जिम्मेदारी कार्यालय में बैठे प्रताप सिंह धुर्वे एवं प्रमोद मसराम को सौंपा गया है तो प्रमोद मसराम का कहना है कि दिनेश आर्मो को शराब पीने से फुर्सत नहीं है तो ड्यूटी कहां से करेगा वावजूद इसके सीएमएचओ डॉ सरोते अपनी हिस्सेदारी बटोरने और लापरवाहियों को नजरंदाज करने में व्यस्त हैं।इसके पहले भी सीएमएचओ डॉ सरोते को वर्षों से ड्यूटी से गायब एवं अनुपस्थित शासकीय आवास पर कब्जा करने वाले कर्मचारियों की दबंगई,अपनी स्वयं की डिस्पेंसरी चलाने को लेकर सीएचसी में पदस्थ चिकित्सक द्वारा जिला चिकित्सालय में बगैर आदेश के इलाज करने,चिकित्सक द्वारा पोस्ट मार्टम के लिए परिजनों से राशि की मांग करना, स्वास्थ्य विभाग से गायब दर्जनों वाहनों के फर्जी बिल-बाऊचर लगाकर प्रति माह लाखों रुपयों का भ्रष्टाचार करने जैसे अनेकों मामले सीएमएचओ डॉ कीर्ति चन्द्र सरोते को उंगलियों पर गिनाया जा चुका है परन्तु अपनी हिस्सेदारी बटोरने तथा तिजोरियां भरने में व्यस्त आला-अधिकारियों द्वारा उक्त मामले पर कोई कार्यवाही नहीं की गई बल्कि जिम्मेदारों द्वारा उक्त मामलों की वसूली की कीमत बढ़ा दिया गया है, जिम्मेदारों द्वारा दोषियों को अखबारों में प्रकाशित खबर पर कार्रवाई नहीं करने का सांत्वना देकर स्वयं की हिस्सेदारी तत्काल बटोरने तथा खटिया-कान्हा के रिसोर्ट में बैठकर टाइगर देखने का कार्य किया जा रहा है।

*बिछिया सीएचसी में बाहरी लोग निभा रहे चिकित्सक का दायित्व*

स्वास्थ्य विभाग के आला-अधिकारियों की इसी लापरवाही तथा शिथिलता का लाभ उठाने में विभाग के अन्य कर्मचारी भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं जिले की सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिछिया वर्षों से सुर्खियों में बना हुआ है सीएचसी बिछिया की शिकवा-शिकायत भी जिला कलेक्टर से लेकर सहायक संचालक जबलपुर तथा राज्य स्तरीय डायरेक्टर भोपाल तक किया जा चुका है,परन्तु सीएचसी बिछिया के जिम्मेदार सीएमएचओ के संरक्षण का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं सीएचसी बिछिया में बीएमओ के आंखों के सामने बाहरी व्यक्ति को चिकित्सक का चोला पहनाकर बच्चों एवं महिलाओं का इलाज कराया जा रहा है, वहीं मध्यप्रदेश सिविल सेवा अधिनियम 1961 के नियम 06 के विरुद्ध 03 संतान वाले पंचायत ठेकेदार और मटेरियल सप्लायर धड़ल्ले से अपनी पदोन्नति की मांग करते हुए कार्य कर रहे हैं, सीएचसी बिछिया के ऐसे अनेकों लापरवाही एवं भ्रष्टाचारी के मामले सीएमएचओ डॉ सरोते को लिखित में दिया गया, परन्तु हिस्सेदारी के चलते सीएमएचओ डॉ सरोते की मिलीभगत तथा संरक्षण के चलते आशा

कार्यकर्ताओं-आशा सहयोगिनियों की भर्ती-वेतन-सेवानिवृत्ति, चिकित्सकों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में फील्ड वर्क के नाम पर फर्जी रिपोर्ट एवं उक्त अनेकों मामलों में भ्रष्टाचार दिनों-दिन तूल पकड़ता जा रहा है जिसका खामियाजा जिले की मासूम जनता को भुगत रही है।

*इनका कहना है–*

01-जिस बच्चे की खबर लगी है वह बच्चा कुपोषित हैं उसे एनआरसी में रखा गया है।

डॉ कीर्ति चन्द्र सरोते

सीएमएचओ मण्डला।

02-खबर के बाद मैंने वाहनों की जांच की है बाकी निविदा की जिम्मेदारी एनएचएम की है।अर्जुन सिंह डिस्ट्रिक्ट कार्डिनेटर आरबीएसके।

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