मध्यप्रदेश के स्पेशल कौंसिल एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री मनोज गोरकेला द्वारा बनाये गये नवीन पदोन्नति नियम को शीघ्र लागू करने की मांग
अज्जाक्स ने मुख्य मंत्री , अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन मध्य प्रदेश शासन के नाम एस डी एम को सौप ज्ञापन
भैंसदेही /मनीष राठौर
भैंसदेही अज्जाक्स शाखा भैंसदेही द्वारा प्रांतीय संगठन के आव्हान पर मंगलवार को मध्य प्रदेश के स्पेशल कौंसिल एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता मनोज गौरकेला द्वारा बनाए गए नवीन पदोन्नति नियम को शीघ्र लागू करने संबंधी एक ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री एवं अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन मध्य प्रदेश शासन भोपाल के नाम एस डी एम के .सी. परते को सौपा। ज्ञापन में उल्लेख है कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन दिनांक 12 जून 2016 भोपाल में घोषणा क्रमांक बी 2047 की गई थी कि ’’पदोन्नति में आरक्षण हर हाल में जारी रहेगा उसके लिए यदि नियम बनाना होगा तो नियम बनाया जावेगा।’’
माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई उक्त घोषणा के पालन हेतु सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं मध्यप्रदेश के स्पेशल कौंसिल श्री मनोज गोरकेला से नवीन पदोन्नति नियम का ड्राफ्ट तैयार कराया गया जिसे माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री सिंघवी एवं माननीय उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश श्री गुप्ता द्वारा संविधान एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप सही बताया है। यह नियम दिनांक 28/01/2022 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जो निर्णय दिया गया है उसके अनुरूप भी है।
1. माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय दिनांक 28/01/2022 के बिन्दु क्रमांक 16 (2) में उल्लेख किया गया है कि प्रतिनिधित्व का डाटा एक यूनिट केडर होना चाहिए। मध्यप्रदेश शासन द्वारा पूर्व से केडर, क्लाज एवं विभागवार डाटा कलेक्ट किया गया है जिसे शासन द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जिसके आधार पर नवीन पदोन्नति नियम बनाया गया है।
2. माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा है कि आदेश प्रास्पेक्टिव भविष्य में लागू होगा। पदोन्नति नियम में भी इसका प्रावधान किया गया है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा है कि रिव्यु एवं एडुकेट रिप्रजेंटेशन का यार्डस्टिक एवं रिव्यु करने का अधिकार राज्य सरकार पर छोडा है। संविधान में भी यही प्रावधान है और नवीन पदोन्नति नियम में भी प्रत्येक जनगणना में रिव्यु करने का प्रावधान रखा गया है।
3. माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में आर.के.सभरवाल प्रकरण के पोस्ट बेस्ड रोस्टर का उल्लेख किया है। श्री मनोज गोरकेला, अधिवक्ता माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बनाये गये ड्राफ्ट में भी पोस्ट बेस्ड रोस्टर का प्रावधान किया गया है जिसकी इकाई केडर है।
महोदय सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं मध्यप्रदेश के स्पेशल कौंसिल श्री मनोज गोरकेला, अधिवक्ता से जो पदोन्नति नियम बनवाया गया है वह पूरी तरह माननीय सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व निर्णयों एवं दिनांक 28/01/2022 को दिये गये निर्णय के अनुरूप है।
उल्लेखनीय है कि सी.एम.सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारी के निर्देशन में जो पदोन्नति नियम बनाया गया है वह संविधान के विपरीत है एवं कुछ वरिष्ठ अधिकारी माननीय मुख्यमंत्री महोदय, मुख्य सचिव महोदय एवं मंत्री समूह को गुमराह कर रहे हैं और संविधान के विरूद्ध नियम बनाने के लिए पक्ष रख रहे हैं जो कि नियम विरूद्ध होने के साथ-साथ माननीय मुख्य मंत्री की इच्छा और संविधान के विरूद्ध है जबकि दूसरी तरफ सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जो नियम श्री मनोज गोरकेला माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं शासन के स्पेशल कोंसिल द्वारा बनाया गया है और सामान्य प्रशासन विभाग के पास है वह पूरी तरह माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय और संविधान के अनुरूप है।
अतः सघ आपसे पुनः ज्ञापन के माध्यम से विनम्र निवेदन करता है कि माननीय मुख्य मंत्री जी द्वारा की गयी घोषणा का पालन कराने हेतु सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री मनोज गोरकेला द्वारा तैयार किया गया पदोन्नति नियम ड्राफ्ट को यथावत् लागू कराकर सभी वर्गों को पदोन्नति देने हेतु आदेश जारी कराने का कष्ट करें। संघ आपका आभारी रहेगा। ज्ञापन की एक प्रति क्षेत्रीय विधायक धरमू सिंह सिरसाम के प्रतिनिधि नगर कांग्रेस मंडलम अध्यक्ष धर्मेद्र मालवीय को भी दी गई हैं।ज्ञापन सौंपने वालों में अज्जाक्स तहसील अध्यक्ष श्रीराम भुस्कुटे,हितेंद्र आलमे,संदीप ईडपाचे,संजय डांगे,अंकित छत्रपाल,श्रीमती मीना आहके आदि शामिल थे।