चुनावी साल की उलटी गिनती शुरू हो गयी है लेकिन उसके बाबजूद माफियाओं की बल्ले बल्ले है और कांग्रेस ऐसे मुददो को उछाल रही है तीन घनमीटर के करीब का पिटपास एजेंसी के द्वारा दिया जाता है और ७-८ घनमीटर ओवर लोड बालू लादकर ले जायी जाती है पर टै्रक्टर तीन से चार हजार की चोरी सबके सामने नजर आ रही है क्योकि यह टै्रक्टर नौगांव से ही गुजरकर जिला मुख्यालय तक पहुंच रहे है। इस चोरी का असर यह है कि कंपनी के गुर्गे पुलिस की गाड़ी में घरों में पहुंचकर टै्रक्टरों को उठाकर थाने में पहुंचा देते जबकी इन ट्रैक्टर चालकों के पास कंपनी का पिटपास भी है इन सब घटनाओ के बाबजूद नौगांव से लेकर जिला मुख्यालय तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी जबाब नहीं दे रहा।
जब पिछलीबार विधानसभा चुनाव नजदीक आये थे तब भी बालू का परिवहन जोरो पर था और कांग्र्रेस ने हर नुक्कड सभा में इस मुददे को जोरदार तरीके से उठाकर जनता को यह बताया था। इस सरकार में माफिया और अधिकारियों का बोलबाला है उसका असर भी हुआ था कि छतरपुर जिले में ६ विधानसभा सीटों में केवल एक पर भाजपा विजयी हुई थी। यह अलग बात कांग्रेस शासन आते ही यह अवैध परिवहन ओर बढ़ गया था। समूची सरकार चुनावी मूड में है फिर भी माफियाओ के हाथ मेंं नदियों के घाटों की कमान सौंप रखी यहां पर सारे नियम धरे के धरे है और जिसकी जो मर्जी आ रही है वह कर रहा । कंपनी के द्वारा इस क्षेत्र के दो घाट से बालू का परिवहन किया जा रहा है एक टीला और दूसरा खकौरा में टीला में एक टै्रक्टर को २४ फुट बालू खकोरा में २८ फुट दोनों जगह से तीन घनमीटर के पिटपास दिये जाते है ओर टै्रक्टर में सात से आठ घनमीटर माल लाया जाता है। तीन घटनमीटर के पिटपास की रशीद ३००० से ३५०० रूपये के आसपास रहती है और माल उसमें दुगुना । तो कह सकते है कि खुलेआम एक ट्रैक्टर से चार हजार के करीब राजस्व की चोरी प्रतिदिन हो रही है ओर इनकी तादाद सैकड़ो में है तो राजस्व भी प्रतिदिन लाखो रूपये का डूब रहा है जिसमें माईनिंक विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गयी है वह कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है फोन करने पर फोन रिसीव न करना यह उनकी आदत बन गया। जब माईनिंग चुप है तो स्थानीय प्रशासन राजस्व और पुलिस महकमा भी खामोश है।
कंपनी के गुर्गे पुलिस की गाड़ी में रात्रि गस्ती ,घरों से उठाते टैक्टर –
नगर में दो उदाहरण ऐसे देखने को मिले कि दो ट्रेक्टर थाने पहुंच गये लेकिन जब पुलिस से पूछा गया तो उनका कहना था कि हमने नहीं पकड़ा माईनिंग विभाग ने पकड़ा तो उसने भी हाथ खड़े कर लिये तो सवाल उठता है यह टै्रक्टर थाने तक कौन लाया निश्चित तौर पर कंपनी के गुर्र्गे थे जो रातो में दूसरो के घरों ं में ऐसे छापा मारते है उनको यह अधिकार किसने दे दिये वह कुछ पुलिस कर्मियों को अपने साथ लेकर कर सकते है। पहला उदाहरण १४ तारीख को वार्ड नं १ पिपरी में रहने वाले ब्रजेन्द्र गुप्ता के घर के बाहर बालू का ट्रैक्टर खड़ा हुआ था जिसका उनके पास पिटपास भी था वह माल नहीं उतर पाये सुबह उतारने के लिये उन्होने उसे घर के बाहर खड़ा कर दिया। यहां पर कंपनी के गुर्गे पहुंचते है जबरन बालू का ट्रैक्टर उठाकर बिना मालिक को सूचना दिये थाने में रखवा दिया। ब्रजेन्द्र को अंदेशा हुआ कि मेरा टै्रक्टर चोरी हो गया जब वह थाने रिपोर्ट लिखाने पहुंचे तो उनका ट्रैक्टर थाने में खड़ा हुआ था। उन्होने पिटपास भी दिखाया इसे कौन लेकर आया किसी के पास कोई जबाब नहंी था। १७ तारीख को एक मिटटी से भरा टै्र्रक्टर कंपनी के गुर्गो के जरबन उठा लिया जबकी वह टै्रक्टर नगर के बिलहरी के प्रतिष्ठित व्यक्ति का है इसे भी थाने में रख दिया ओर यह कंपनी के गुर्गे रात को पुलिस की गाड़ी में घूमते नजर आये। जिसे मीडिया ने रिकार्ड भी किया और इस संबंध में कंपनी के गुर्गे से पूछा की आपको यह अधिकार किसने दिया उसने बताया हम मलहोत्रा बालू कंपनी के है राजेश हमारा नाम है ओर हम अपना काम कर रहे है यह दो उदाहरण ऐसे है जो साफ जाहिर करते है कि कंपनी की गुण्डागर्दी न केवल घाटों तक सीमित है बल्कि पुलिस और राजस्व की मिली भगत से वह शहरों मे घर के बाहर रखे बालू ट्रैक्टर उठाकर थाने में सुपुर्द कर रहे है। इस संबंध में माईनिंग विभाग से लेकर अन्य अधिकारियों को फोन लगाया गया लेकिन उन्होने फोन रिसीव नहीं किया।