सुदर्शन टुडे
बदनावर। भारत जैसे सघन जनसंख्या वाले देश में एक वैश्विक महामारी से लोहा लेना इतना सहज नहीं था परन्तु देश ने न केवल इस लड़ाई को लड़ा बल्कि स्वदेशी वैक्सीन को बनाया और इस टीकाकरण के तहत रिकॉर्ड १५६.७६ करोड़ से ज्यादा खुराकें देने का इतिहास भी रचा। १६ जनवरी २०२२ को स्वदेशी कोविड वैक्सीन विकसित करने का एक वर्ष पूर्ण होने की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर भारतीय डाक विभाग द्वारा एक स्मारक डाक टिकट जारी किया गया।
उक्त जानकारी देते हुए डाक टिकट संग्राहक ओम पाटोदी ने बताया कि यह डाक टिकट ५ रूपए मूल्य वर्ग का है और इस पर वैक्सीनेशन का सुंदर चित्रण किया गया है। इसके पहले गत वर्ष भी कोरोना योद्धाओं पर डाक टिकट जारी किए जा चुके हैं।
ज्ञातव्य है कि कोविड टीके की खुराक पिछले साल २१ अक्टूबर को १०० करोड़ के आंकड़े को पार कर गई थी, जबकि गत ७ जनवरी को टीके की कुल १५० करोड़ खुराक के आंकड़े को पार करते हुए एक कीर्तिमान स्थापित किया। १६ जनवरी को एक वर्ष पूर्ण होने पर सुबह सात बजे तक की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार देश में कोविड-१९ टीकाकरण के तहत १५६.७६ करोड़ से ज्यादा खुराकें दी जा चुकी हैं। देश में कोविड टीकाकरण अभियान पिछले साल १६ जनवरी से शुरू हुआ था इस वर्ष देश इसकी पहली वर्षगांठ मना रहा है। पाटोदी ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार ९३ प्रतिशत से अधिक वयस्क आबादी को कम से कम एक खुराक मिली है, जबकि ६९.८ प्रतिशत से अधिक को टीके की दोनों खुराकें लगायी जा चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि टीकाकरण के लिए काफी कम जनसंख्या वाले कई विकसित पश्चिमी देशों की तुलना में भारत का टीकाकरण कार्यक्रम सबसे सफल और सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक रहा है। यह हमारे लिए गौरव की बात है।