सुदर्शन टुडे जिला ब्यूरो सिवनी
सिवनी-ऐसा लगता है कि भ्रष्ट अधिकारियों के लिए सिवनी जिला सबसे सुरक्षित जिला है जहां सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्ष की निष्क्रियता के कारण भ्रष्टाचार का कीर्तिमान स्थापित किया जा रहा है। गत दिवस केवलारी तहसील कार्यालय में लगभग 11 करोड़ 16 लाख के गबन का मामला सामने आया जिसमें पुलिस ने बाबू स्तर के कर्मचारी सचिन दहायत के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करते हुए जांच में ले लिया। बताया जाता है कि इन दिनों सिवनी जनपद में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक कुमार भी फर्जीवाड़ा को लेकर सुर्खिया बटोर रहे है जिनकी प्रमाण सहित शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई लेकिन अभी तक इस मामले की जांच प्रारंभ नहीं की गई है।
बताया जाता है कि जब से सिवनी जनपद में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर अभिषेक कुमार पदस्थ हुए हैं तब से उन्होंने 15 वें वित्त आयोग की कार्ययोजना को बदलते हुए अपने करीबी ठेकेदारों को उपकृत करने लगभग 01 से 02 करोड़ की राशि का नियम विरूद्ध वितरण कर गबन किया है।
जिसमें कुछ निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये थे। बताया जाता है कि प्रशासकीय समिति में स्वीकृत कार्ययोजना में छेड़छाड़ करते हुए सीईओ अभिषेक कुमार के द्वारा अपने चहेते ठेकेदारों और निर्माण एजेंसियों को दो पूरक कार्ययोजना बनाते हुए बिना तकनीकी स्वीकृति के निर्माण एजेंसियो तथा ठेकेदारों से सांठगांठ करते हुए लगभग 1 से 2 करोड़ का फर्जी भुगतान कर दिया गया। विभाग में चर्चा है कि यदि उच्च अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक कुमार की पदस्थापना लेकर वर्तमान तक विभिन्न योजनाओं के तहत किये गये काम और भुगतानो की जांच प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 जून 2021 करें तो कई बड़े फर्जीवाड़ा सामने आ सकते है। देखना यह है कि विभाग के आला अधिकारी इस फर्जीवाड़ा को लेकर कब तक जांच करते हैं?