रायसेन। रायसेन शहर में एक नहीं बल्कि दो-दो सड़कें सालों से अधूरी पड़ी हुई है। सड़कों सुबह से लेकर रात तक उड़ती धूल के गुबार और बिखरी गिट्टियां रायसेन शहर की पहचान बन चुके हैं।लेकिन यह बड़े बड़े शर्म की बात है कि यहां से ऐसा नहीं है कि मानवीय मंत्रियों से लेकर सांसद और वीआईपी वाहनों के काफिला से यहां से ना गुजरते हों।तमाम इन परेशानियों और समस्याओं और अधूरी सड़कों को देखते हुए जानबूझकर अनदेखी कर रहे हैं ।इससे तो साफ जाहिर होता है कि रायसेन शहर में एक बार फिर विकास कार्यों को ग्रहण सा लग गया है। वाहन चालक मुसीबत भरा सड़क का सफर तय करने को मजबूर हो रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी से लेकर मंत्री सांसद आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं ।ऐसे हालातों के बीच अब तो रायसेन शहर का भगवान ही मालिक है।
दरअसल पीडब्ल्यूडी रायसेन द्वारा हाइवे सड़क चौड़ीकरण और सौंदर्यकरण का ठेका लगभग 53 करोड़ की लागत का ठेका दो अलग अलग ठेकेदारों को दिया गया है। 32 करोड़ रुपये की लागत से जिंदल सड़क कंस्ट्रक्शन कंपनी हरियाणा को दिया गया है।वहीं सड़क पर सौंदर्यीकरण लाइट बिजली पोल डीपी शिफ्टिंग का ठेका 21 करोड़ रुपये की लागत से सीहोर के ठेकेदार अंकित जैन को दिया गया है।दरगाह शरीफ मजार से लेकर सागर भोपाल तिराहे तक हाइवे भोपाल सड़क चौड़ीकरण व पुल पुलियाओं का निर्माण पेड़ों की कटाई का ठेका शुरुति सड़क कंट्रक्शन कंपनी भोपाल के मालिक राजेन्द्र कुमार गर्ग को दिया गया है।लेकिन तीनों ठेकेदारों की मनमानी लापरवाही का आलम ने तो सारी हदें पार कर दी हैं।लापरवाही का आलम यह है कि सभी हदें वाहन चालकों पर भारी पड़ रही हैं।शहर में अधूरी पड़ी सड़कें बनी रायसेन की पहचान उड़ती धूल के गुबार सड़कों पर बिखरी गिट्टीयां विकास में बनी बाधा,जिले में दो-दो मंत्री सांसद बड़े शर्म की बात है
रायसेन। रायसेन शहर में एक नहीं बल्कि दो-दो सड़कें सालों से अधूरी पड़ी हुई है। सड़कों सुबह से लेकर रात तक उड़ती धूल के गुबार और बिखरी गिट्टियां रायसेन शहर की पहचान बन चुके हैं।लेकिन यह बड़े बड़े शर्म की बात है कि यहां से ऐसा नहीं है कि मानवीय मंत्रियों से लेकर सांसद और वीआईपी वाहनों के काफिला से यहां से ना गुजरते हों।तमाम इन परेशानियों और समस्याओं और अधूरी सड़कों को देखते हुए जानबूझकर अनदेखी कर रहे हैं ।इससे तो साफ जाहिर होता है कि रायसेन शहर में एक बार फिर विकास कार्यों को ग्रहण सा लग गया है। वाहन चालक मुसीबत भरा सड़क का सफर तय करने को मजबूर हो रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी से लेकर मंत्री सांसद आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं ।ऐसे हालातों के बीच अब तो रायसेन शहर का भगवान ही मालिक है।
दरअसल पीडब्ल्यूडी रायसेन द्वारा हाइवे सड़क चौड़ीकरण और सौंदर्यकरण का ठेका लगभग 53 करोड़ की लागत का ठेका दो अलग अलग ठेकेदारों को दिया गया है। 32 करोड़ रुपये की लागत से जिंदल सड़क कंस्ट्रक्शन कंपनी हरियाणा को दिया गया है।वहीं सड़क पर सौंदर्यीकरण लाइट बिजली पोल डीपी शिफ्टिंग का ठेका 21 करोड़ रुपये की लागत से सीहोर के ठेकेदार अंकित जैन को दिया गया है।दरगाह शरीफ मजार से लेकर सागर भोपाल तिराहे तक हाइवे भोपाल सड़क चौड़ीकरण व पुल पुलियाओं का निर्माण पेड़ों की कटाई का ठेका शुरुति सड़क कंट्रक्शन कंपनी भोपाल के मालिक राजेन्द्र कुमार गर्ग को दिया गया है।लेकिन तीनों ठेकेदारों की मनमानी लापरवाही का आलम ने तो सारी हदें पार कर दी हैं।लापरवाही का आलम यह है कि सभी हदें वाहन चालकों पर भारी पड़ रही हैं।