राहुल गुप्ता की रिपोर्ट
पलसुद _______18 वर्ष से कम आयु के लड़का लड़की बच्चे कहलाते है!पंचायत क्षेत्र में आने सभी बच्चों की सुरक्षा कि जिम्मेदारी के लिए पंचयात स्तरीय समिति बनाई गई है
बच्चों को खतरा जैसे बच्चों के साथ होने वाली हिंसा जैसे शारिरिक ,बाल श्रम, यौन हिंसा मनोवैज्ञानिक हिंसा आर्थिक हिंसा सामाजिक हिंसा जाती, धर्म,सांस्कृतिक हिंसा घरेलू हिंसा !हिंसा यानी इच्छाओं के विरूद्ध, दबाव पूर्ण ढंग किया जाने वाला व्यवहार!
बाल विवाह को रोकने के लिए ग्राम पंचायत की मदद से ले सकते हैं जो लिखित आवेदन दे सकते हैं या फिर चाइल्ड लाइन 1098 या 100 पर पर सूचना दे सकते हैं!बाल विवाह किसी बच्चे स्वास्थ्य और पोषण और शिक्षा के अधिकार से वंचित कर देता है!यदि कम उम्र में विवाह कर देने कारण भी परिवार हिंसा का जन्म होता है जिसके कारण भी परिवार टूट जाता है!कम उम्र मैं विवाह करने से बालक और बालिका दोनो पर शारिरिक, बौद्धिक विकास पर भी प्रभाव पड़ता है!शिक्षा से पूरी तरह वंचित हो जाते इसलिए बाल विवाह को रोकना चाहिए!
सरकार के द्वारा भी बाल विवाह को रोकने के लिए कानून भी बनाया गया है …बाल विवाह अधिनियम लागू किया इसके अर्न्तगत उन लोगों के खिलाफ कोठर उपाय किये गए हैं जो बालविवाह को बढ़ावा देते हैं!
बाल अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई जिसमें उन्हे संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार समझौते में तय किए गए चार अधिकारों के बताया गया इन्हीं अधिकारों में ध्यान में रखकर प्रतिभागियों को बाल सरंक्षण के बारे में जानकारी दी गई तथा समुदाय स्तर पर बनाई गई बाल संरक्षण समिति के सदस्यों के चयन और उनके कार्य के बारे में बताया गया कि बाल संरक्षण समिति के सदस्य गांव के प्रत्येक बच्चों के संरक्षण हेतु कार्य करेगा गांव के बच्चों में से विशेषकर उन बच्चों के लिए कार्य करेंगे जिनके माता-पिता नहीं है साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर एव फुटपाथ पर रहने वाले बच्चे ऐसे बच्चे जो अपने दादा दादी अथवा नाना नानी के साथ रहते हैं इन समस्त बच्चों को बाल संरक्षण विशेष आवश्यकता होती है इसलिए ऐसे बच्चों के लिए बाल संरक्षण समिति बनाई जाती है!
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के में बारे में विस्तृत जानकारी दी गई!6से 14 वर्ष तक के बच्चे को अनिवार्य रूप से शिक्षा प्राप्त होनी चाहिए कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहना चाहिए और कोई भी कोई भी बच्चा साला से बाहर नहीं रहना चाहिए!
घरेलू हिंसा के बारे में जानकारी दी जैसे किसी को अपशब्द कहकर भी किसी को भावना को ठेस पहुंचाना भी एक हिंसा कहलाती हैं! कई परिवार में पुरुषों के द्वारा महिलाओं के साथ अत्याचार किया जाता है जैसे मारपीट करना, गाली गलौज करना और अभद्रता का व्यवहार करना! हिंसा के रूप शारारिक हिंसा मौखिक हिंसा मौखिक व भावनात्मकहिंसा ,यौनिक हिंसा आर्थिक हिंसा के बारे में जानकारी दी गई!
राजपुर ब्लॉक में इस सरकारी विभाग के समन्वय वाली मीटिंग में राजपुर एसडीएम श्री वीर सिंह चौहान,तहसीलदार विशाखा चौहान,महिला और बाल विकास अधिकारी श्री निरंजन सिंह,स्वास्थ्य विभाग से डॉक्टर एम एस सिसोदिया,संतोष चौहान सीएमओ नगरपालिका,त्रिलोक सिंह चौहान फॉरेस्ट ऑफिसर , बी एस चौहान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत राजपुर उपस्थित रहे
पहल जनसहयोग विकास संस्था से जिला कोऑर्डिनेटर जाहिद शेख ,अमन पूजा उपस्थित रहे!