राहुल गुप्ता की रिपोर्ट
चितावल——-नगर के मंदिरों में भाद्रपद माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन मां गौरा और भगवान शिव जी की विधि पूर्वक पूजा की जाती है। ये व्रत सुहागिन महिलाओं के द्वारा सुख-सौभाग्य की कामना के लिए रखा जाता है। वहीं कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की कामना के साथ इस व्रत को रखती हैं। ये निर्जला व्रत होता है। इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं करवा चौथ की ही तरह शाम को चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है और पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम बढ़ता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार कर भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न कर सौभाग्य व समृद्धि की कामना करेंगीं।