सुदर्शन टुडे बड़वानी मनीष सनोठिया
ठीकरी/ बरुफ़ाटक श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तीज तिथि शिव पार्वती के प्रेम और मिलन का है इस पर्व पर महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए 16 श्रृंगार कर करती है शिव पार्वती का पुजन ।
पौराणिक कथा के अनुसार, माता सती ने हिमालय राज के घर माता पार्वती के रूप में पुनर्जन्म लिया। माता पार्वती ने बचपन से ही भगवान शिव को पति रूप में पाने की कामना कर ली थी।
इसलिए भगवान शिव को पाने के लिए माता पार्वती ने एकांत जंगल में जाकर तपस्या करने का संकल्प लिया। माता की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी इच्छा पूर्ण होने का आशीर्वाद दिया।
जिसके परिणाम स्वरूप माता पार्वती और भगवान शिव की शादी संपन्न हुई। तभी से इस दिन को हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है माता पार्वती ने 107 जन्म के बाद 108 वे जन्म में शिव को अपने पति के रूप में पाया था श्रावण माह के हर त्यौहार वेसे तो विशेष होते है पर शिव पार्वती के पुनर्मिलन का पर्व विशेष होता है जिसे लेकर आज बरूफ़ाटक महिला मंडल ने शिव का पुजन, 16 श्रृंगार, मेहंदी, व झूला झूल व मिठाई से मुह मीठा कर पर्व मना पति की दीर्घायु की कामना की महिला मंडल सदस्यों ने बताया कि हर हिन्दू पर्व इसी तरह एकत्रित हो धूम धाम से महिला मंडल के द्वारा बनाया जाता है।