*सुदर्शन टुडे के लिए खरगोन से शाहिद खान की रिपोर्ट*
एंकर – खरगोन जिले के भसनेर गांव के ग्रामीणो को जान जोखिम में डालकर खेती किसानी के लिये नदी को पार करना पढता। करीब 25 साल से भसनेर से देवली जाने के लिये पुल की मांग कर रहे ग्रामीण 4 महिने तक जान में जोखिम डालकर बैलगाडी के सहारे नदी पार करते है। खास बात ये है की भसनेर के ग्रामीणो की खेती नदी के पार देवली गांव में है। ग्रामीणो के जानवार भी नदी तैरकर ही पार करते है। हर चुनाव में पुल मुद्दा होता है लेकिन करीब 3 हजार की आबादी वाले गांव भसनेर को मूलभूत सुविधा नही मिल पा रही है। नेता आते है वोट लेकर वापस नही लौटते है। एक रिपोर्ट
Vo 1 – खरगोन जिला मुख्यालय से मात्र 10 किलोमीटर दूर भसनेर गांव से देवली गांव जाने के लिये लोगो को जान हथेली पर रखकर जाना पढता है। करीब 25 साल से पुल की मांग आज तक पूरी नही हुई है। खेती किसानी वाले ग्रामीण परेशान है। ग्रामीणो का कहना है चुनाव के समय नेता आते वोट लेकर वापस नही लौटते।
Vo2 – भसनेर गांव के ग्रामीणों की खेती पास के देवली गांव से लगी हुई है। खेती किसानी के लिये नदी को पार करना किसान और ग्रामीणो की मजबूरी है। लेकिन पुल नही होने से बारिश के चार माह जीवन खतरे में डालकर लोगो को नदी पार करना मजबूरी है। ग्रामीणो का मानना है की खेती नही करेगे तो खायेगे पीयेगे क्या ? किसान को खेती करने के लिये नदी को पार करना पढता है। कई साल से पुल की मांग कर रहे है लेकिन कोई सुनने वाला नही है। जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पढता है।
Vo 3 गांव के विकास के दावे किये जाते है लेकिन हकीगत ये है की लोगो को अपनी खेती करने के लिये जान जोखिम में डालकर नदी पार करना उनकी मजबूरी बना हुआ है। लगातार मांग के बाद कोई सुध नही ले रहा है।