सुदर्शन टुडे न्यूज़ ब्यूरो चीफ लालू जामलकर खरगोन
खरगोन कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री कर्मवीर शर्मा ने अनुपयोगी एवं खुले नलकूप, बोरवेल तथा ट्यूबवेल में छोटे बच्चों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि सभी ड्रिलिंग एजेंसियों, अर्थात सरकारी, अर्ध सरकारी, निजी आदि का पंजीकरण वैधानिक प्राधिकरण के साथ अनिवार्य रूप से होना चाहिए। नलकूप, ट्यूबवेल एवं कुएं के पास निर्माण के समय साइनबोर्ड लगाना अनिवार्य किया गया है। जिसमें नलकूप ट्यूबवेल का निर्माण करने वाली ड्रिलिंग एजेंसी, उपयोगकर्ता एजेंसी एवं उस संपत्ति के मालिक का नाम व पूरा पता होना चाहिए। नलकूप, ट्यूबवेल या कुएं के निर्माण के दौरान उसके चारों ओर कांटेदार तार की बाड़ या कोई अन्य उपयुक्त अवरोध खड़ा करना अनिवार्य होगा। नलकूप ट्यूबवेल एवं कुएं के आवरण के चारों ओर 0.50×0.50×0.60 मीटर (जमीन से 0.30 मीटर ऊपर और जमीन से 0.30 मीटर नीचे) मापने वाले सीमेंट, कंक्रीट प्लेटफॉर्म का निर्माण करना होगा। नलकूप पर स्टील प्लेट को वेल्डिंग करके या बोल्ट और नट के साथ आवरण पाइप पर एक मजबूत कैप लगाना होगा। पंप की मरम्मत के मामले में ट्यूबवेल को खुला नहीं छोड़ना है और कार्य पूरा होने के बाद मिट्टी के गड्ढों और चैनलों को भरना अनिवार्य है।
जिस बोरवेल को खोदा गया है और वह असफल हो गया है तो उसे तत्काल कैप के माध्यम से बंद किया जाए। इसके लिए बोरवेल के स्वामी की व्यक्तिगत जवाबदारी तय की जाएगी। किसी भी प्रकार से बोरवेल को खुला न छोडा जाए। यदि किन्हीं कारणों से नलकूप असफल होता है, तो नलकूप को संबंधित नलकूप खननकर्ता एजेंसी, व्यक्ति द्वारा मिट्टी, रेत, मुरम आदि से ज़मीन की सतह तक भरने की कार्यवाही सुनिश्चित करनी होगी। यदि कोई व्यक्ति उपर्युक्त प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन करेगा तो वह भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 के अंतर्गत अभियोजित किया जाएगा।