झिरन्या से 6 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत साईं खेड़ा के अंतर्गत आने वाले नाना फाल्या में ग्रामीणों को बारिश के 4 महीने आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है । क्योंकि इस गांव में अभी तक पक्की सड़क की व्यवस्था नहीं है। बिच से गुजरने वाली नदी पर पुल भी नहीं है ।ग्रामीण साईंखेड़ा से नाना फाल्या तक कच्चे रास्ता से होते हुए अपने गांव पहुंचते हैं। स्कूल के बच्चों को स्कूल पहुंचने में बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है।सर्दी और गर्मी में तो यहां पहुंचा जा सकता है।
लेकिन बारिश में इस गांव में कोई भी व्यक्ति नहीं पहुंच पाता है। ग्रामीणों ने कई बार पक्की सड़क बनवाने के लिए ग्राम पंचायत को आवेदन दे चुके हैं । लेकिन जिम्मेदारों ने इस तरफ ध्यान देना जरूरी नहीं समझा। साईंखेड़ा से नाना फाल्या तक लगभग तीन किलोमीटर का मार्ग बारिश के समय में दलदल का रूप ले लेता है।
ग्रामीणों का कहना है कि नेता और सरपंच चुनाव के समय वोट मांगने के लिए बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन जीतने के बाद गांव की तरफ पीछे मुड़कर नहीं देखते। इसी का खामियाजा आज गांव साईं खेड़ा नाना फाल्या के लोग भुगत रहे हैं। लगभग 250 की आबादी वाले नाना फाल्या के लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
*बारिश में मरीजों की सबसे ज्यादा आफत*
यदि बारिश के समय कोई बीमार हो जाए या फिर महिला की डिलीवरी होती है तो उसकी जान बचाना मुश्किल हो जाता है। ट्रैक्टर निकलने के कारण एक फीट गहरे गड्ढे हो गए। दो पहिया वाहन चलाना तो दूर पैदल निकलना भी दूभर हो जाता है। जिसका खामियाजा वहां के ग्रामीणों को भुगतना ही पड़ चुका है ग्राम पंचायत उक्त सड़क बनाने में रुचि नहीं दिखा रही है। गांव के महारिया, राम सिंह, जाम सिंह , मनीष, जगदीश, छगन आदि ग्राम वासियों ने हस्ताक्षर कर आवेदन देकर सड़क निर्माण की मांग की है।