सुदर्शन टुडे दुर्गाशंकर सिंह की रिपोर्ट
ख़ुश रहना एक कला है और इस कला को सबको सीखना चाहिए ये कहना है शिक्षक व सोशल एक्टिविस्ट, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी मा.राजेश उन्हाणी का।
उन्होंने बताया की खुश रहना एक सुखी जीवन जीने का हिस्सा है आपका खुश रहना बताता है कि आप एक खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं अगर आप अपनी जिंदगी में खुश नहीं है तो आप किसी भी परेशानी का सामना नहीं कर सकते आपको हर परेशानी हर दिक्कत बड़ी लगने लगेगी।
चाणक्य भी कहते थे की इंसान को हर हालत में खुश रहना चाहिए डॉक्टर भी कहते है की ख़ुश रहने से हम कई रोगो से दूर रहते है।
आज़ तो सोशल मीडिया का जमाना है घर में जो कुछ नया लेकर आते है उसको दोस्तों के साथ शेयर करके ख़ुश रह सकते है। बचपन में दोस्तों के साथ की शरारतों को याद कीजिये, किसी खास मूवी के मनोरंजक दृश्य को याद करके खुश रह सकते है। कहने का आशय है की छोटी छोटी से चीजों से ख़ुशी हासिल कर सकते है।
मेडिटेशन खुश रहने का एक ब्रह्मास्त्र है। मेडिटेशन के द्वारा हम अपने जीवन के उन सभी परेशानियों और दुखों से उबर जाते हैं जो हमारे लिए दुख का पहाड़ होती है। मेडिटेशन करने से हमें काफी फायदा होता है और हमारा मन भी हमेशा शांत रहता है।
ख़ुशी हमें जिंदगी जीने के लिए प्रेरित करती है इसलिए हमें हर परिस्थिति में खुश रहना चाहिए।