संजय देपाले
बाग /*राणा पुंजा भील जनकल्याण संगठन के उदियापुर के अध्यक्ष कालुसिंह भंवर के द्वारा भील समाज मे सुधार लाने के मृत्युभोज के कार्यक्रम मे बदलाव किया गया!विगत दिनो मे उनके परिवार कि सबसे बुजुर्ग माताश्री नानकी बाई की मृत्यु ९० बरस की आयु मे हो गई थी!जिनका मृत्युभोज का कार्यक्रम होने वाला है इसी दिशा मे भील समाज मे सुधार लाने के लिए उदियापुर के भील समाज के राणा पुंजा भील जनकल्याण संगठन के द्वारा अहम् फैसले लिये गये!आदिवासी समाज मे विशेषतौर पर भील समाज मे बलिप्रथा का पारंपरिक रीति-रिवाज है जिसमे अनुमानित ९० बकरे सगा संबंधित द्वारा पुरखों के रीति-रिवाज के अनुसार बकरा बलि के साथ मदिरापान किया जाता है!जिसे परिवार के मुखिया सदस्य के साथ-साथ सगा संबंधित को आर्थिक बोझ झेलना पड़ता है!इस रूढी प्रथा मे थोड़ा सुधार लाते हुए!अनुमानित ९० बकरो की जगह दो-तीन बकरों की बलि तथा मदिरापान पर पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया!जिसकी परिवार के मुखिया और सगा संबधित पर आर्थिक बोझ नही पड़े!इस अवसर पर शामिल चन्द्रपालसिंह उर्फ चन्दु रिसावला,कुडूजेता अध्यक्ष भुवानसिंह वसुनिया,बायसिंग बघेल,शेरसिंह बामनिया,बायसिंग भूरिया,वेस्ता भंवर,कलमसिग मण्डलोई,मालू भाबर, रोहित बामनिया,शिवशंकर भंवर,जसवंत अनारे इत्यादि!*