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कमीशन की चाह या आरक्षित वर्ग के साथ भेदभाव…?
भैंसदेही :- मुख्यालय की नगर परिषद में इन दिनों भाजपा नगर सरकार में कुछ ठीक नहीं चल रहा। जानकारी यह सामने आ रही है की भाजपा के कुछ पार्षदो की अपने ही पार्टी के नगर सरकार के अध्यक्ष से आपसी तालमेल नहीं बन रहा। जिसका फायदा बाहरी लोग जम कर उठा रहे। और भाजपा को भैंसदेही में कमजोर करने की साजिसे रची जा रही है। जानकारी में यह भी सामने आ रहा की लंबे समय से यह प्रक्रिया एक सदयंत्र के तहत बनाई जा रही है। जिसमे भाजपा पार्षदों को अपने पक्ष में लेकर नगर परिषद सरकार में भूचाल लाने के लिए प्रयासरत हैं।जिससे परिषद के विकास कार्यों पर सीधा असर पड़ता दिखाई दे रहा है। जिसका ताजा उदाहरण हाल ही हुई दुकान नीलामी में आपत्ति लेकर आरक्षित वर्ग की दुकान पर प्रश्नचिन्ह लगाकर अंदर ही अंदर पनप रहा विद्रोह खुलकर सामने आना , तो वही वार्ड क्रमांक 15 में परिषद द्वारा बनने वाली 10 दुकानों के निर्माण कार्यों को रुकवाना । जिसको लेकर भाजपा की नगर सरकार निरंतर चर्चाओं ने बनी है।
25 प्रतिशत की राशि भी करा ली थी जमा
बता दे 24 जनवरी को सार्वजनिक रूप से खुली नीलामी में पाचो दुकानें बिकने के बाद समय सीमा में अधिक बोलीकर्ताओ से 25 प्रतिशत की राशि नियमानुसार नगर परिषद द्वारा जमा भी करवा ली गई थी। जिसके बाद भी लगभग 12 दिन बाद 7 फरवरी को परिषद की बैठक में केवल आरक्षित वर्ग की दुकान को निरस्त करना सवालों के घेरे में है। दुकान निरस्त होने की जानकारी सामने आते ही लोग अब परिषद पर तरह तरह की उंगलियां उठाते नजर आ रहे है , और चर्चाओं का बाजार गर्म है , चर्चाओं की कुछ बाते आफ द रिकार्ड सामने आई की कम दाम में दुकान बिकने के बाद पार्षदों को कमीशन की चाह ..? , तो कही परिषद में आरक्षित वर्ग के साथ भेदभाव…? , की जानकारी सामने आ रही है। तो कही इसे नगर सरकार में आने वाला भूचाल कहा जा रहा है। वही सूत्र बताते है की बोली करता उच्च अधिकारियों को शिकायत करने का मन बना रहा है।
भाजपा के इन पार्षदों ने निरस्त करने दिया था आवेदन
नगर परिषद द्वारा 24 जनवरी को नियमानुसार की गई , सार्वजनिक रूप से खुली 5 दुकानों की नीलामी जिसमे 4 अनारक्षित और 1 आरक्षित दुकान की सैकड़ों लोगों के सामने नगर परिषद के सभा कक्ष में खुली नीलामी नियमानुसार प्रक्रिया संपन्न हुई। जिसके बाद अचानक भाजपा के कुछ पार्षदों को आरक्षित वर्ग की दुकान नीलामी कुछ रास नहीं आई। और नगर परिषद में सामूहिक रूप से आवेदन देकर आरक्षित वर्ग की दुकान को 7 फरवरी की परिषद की बैठक में निरस्त करने की मांग करते हुवे लगभग 12 दिन बाद परिषद की बैठक में आरक्षित वर्ग की दुकान निरस्त करवाने की जानकारी सामने आ रही है। एवम अन्य समस्त प्रस्ताओ पर सहमति जताई है। आरक्षित वर्ग की दुकान निरस्त करवाने की प्रक्रिया में भाजपा वार्ड क्रमांक 03 के पार्षद कृष्णा पीपरदे, वार्ड क्रमांक 05 से प्रीता सिंह कौशिक , वार्ड क्रमांक 04 से निर्मला महाले, वार्ड क्रमांक 06 से लीला राठौर , वार्ड क्रमांक 09 से ब्रमदेव कुबडे, वार्ड क्रमांक 11 से आशुतोष राठौर , वार्ड क्रमांक 12 से सुरजीत सिंह ठाकुर, द्वारा सामूहिक रूप से आवेदन देकर आरक्षित वर्ग की दुकान निरस्त कर पुनः नीलामी प्रक्रिया में लेने की बात कही।
इनका कहना है
पार्षदों का आवेदन आया था , जिस परिषद की बैठक में विचार विमर्श कर आरक्षित वर्ग की दुकान निरस्त की गई है। पार्षदों का कहना था की आरक्षित वर्ग की दुकान का दाम अन्य दुकानों से कम है जो संतोषजनक नहीं है। आरक्षित वर्ग के साथ भेदभाव जैसी कोई बात नही है। हम उक्त दुकान की पुनः निविदा लगाकर नीलामी करेंगे , खरीदार स्वतंत्र है वह जहा चाहे शिकायत कर सकता है।
मनीष सोलंकी
अध्यक्ष नगर परिषद भैंसदेही
जब नीलामी नियमानुसार सार्वजनिक रूप से हुई है तो आरक्षित वर्ग पर ही हमला क्यों , निरस्त करना था तो पूरी दुकानें निरस्त करना चाहिए, यह तो सीधा आरक्षित वर्ग के साथ भेद भाव नजर आता है। जो गलत है। सार्वजनिक रूप से की गई नीलामी में कोई जरूरी तो नहीं की परिषद के मुताबिक दाम मिले। और जहा तक परिषद की बात है तो शासकीय बोली से ज्यादा ही दामों में दुकान की नीलामी हुई है।
पवन मनवर उपाध्यक्ष भीम आर्मी भैंसदेही