सारंगपुर/(गोपाल राठौर)
नपा सीएमओ बोले नगरीय सीमा से बाहर कालोनी, नही मिलेगा शहरी सुविधा का लाभ
नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों तथा नेशनल हाईवे किनारे कॉलोनाइजर द्वारा कागजों की पूर्ति किए बगैर, बिना डायवर्सन के खेती किसानी की उपजाऊ जमीन को बंजर बताकर जमीन खरीद फरोख्त सहित कालोनी काट कर प्लॉट बेचने का काम धड़ल्ले से चल रहा है। शायद यह सब इस लिए भी हों रहा है की स्थानीय अधिकारियों की इन कॉलोनाइजर से गहरी सांठगांठ बनी हुई है।हाल ही में शहर से लगे एनएच 52 हाईवे गोपालपुरा समीप निहाल ग्राम पंचायत क्षेत्र में तहसील सारंगपुर में बिना राजस्व डायवर्सन हुए शांति विहार कालोनी में प्लाट काट कर मोटी राशि में लोगों को विक्रय करने का खेल कॉलोनाइजर द्वारा खेला जा रहा है। ऐसा नही है की इस बात की जानकारी अधिकारियों को नही है बल्कि राजस्व अधिकारी सबकुछ जानकर भी आंखे मूंदे बैठे है। उल्लेखनीय है कि शहर में धड़ल्ले से अवैध कॉलोनी काटी जा रही हैं। कॉलोनी का नक्शा तथा डायवर्सन पास कराए बिना ही मनमाने तरीके से प्लाट बेचे जा रहे हैं। कॉलोनाइजर बिना पंजीयन के ही यह काम कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो कॉलोनाइजरों के झांसे में फंसने के बाद लोगों को कॉलोनी में सुविधा नहीं मिलती जिससे वे परेशान होते हैं। नगर में राजस्व विभाग के कर्मचारियों और प्रॉपर्टी डीलरों की साठगांठ से खेती की जमीन ओने पौने दामों पर खरीद कर अवैध कॉलोनी काटी जा रही है। भू-माफियों के जाल में फंस कर प्लॉट खरीदने वाले उपभोक्ता इनके झांसे में आ जाते हैं। जानकारों की माने तो शहर में अवैध कालोनियों का कारोबार तेजी से फलफूल रहा है।जनपद पंचायत को राजस्व घाटा विश्वसनीय सूत्रों की माने तो इससे दो बड़े नुकसान हो रहे हैं। एक तो नगर सही तरीके से नहीं बस पारहा है क्यों की गोपालपुरा क्षेत्र नगरीय सीमा में है तो ग्राम निहाल जनपद पंचायत में साथ ही राजस्व को चूना भी लग रहा है। खेतों में खरीदे गए प्लाटों की डायवर्सन के साथ मकान बनाने की मंजूरी नहीं मिलती है। इसमें उक्त निर्माण अवैध की श्रेणी में आ जाता है। पंचायत को भी राजस्व में घाटा होता है। मकान तो बन जाता है, लेकिन नगर पालिका से मंजूरी नहीं मिलने के कारण उसमें रजिस्टर्ड नहीं माना जाता है। इससे नगर पालिका को टैक्स भी नहीं मिलता है।नहीं मिलेगा मूलभूत सुविधाओं का लाभ शांति विहार कॉलोनी में प्लाट बेचने के लिए कॉलोनाइजर द्वारा लुभावने विज्ञापन वाले पोस्टर तो प्रचार प्रसार के लिए लगा दिए गए है। लेकिन खरीदने वाले लोगों को नगर पालिका सारंगपुर क्षेत्र की सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा। ज्ञात हो कि इन्हें न नगरीय पानी पेयजल की सुविधा मिलेगी और न ही बिजली की सुविधा। कॉलोनियों को पूर्ण विकसित करने का झांसा देकर आमजन को मुसीबत में डाला जा रहा है। कॉलोनियों में सड़क भी अपने ही खर्चों पर कॉलोनाइजर बनवाते हैं।कॉलोनाइजर ने दिए अलग-अलग तर्क कालोनी के डायवर्सन नामांतरण कागजों के बारे में विज्ञापन पोस्टर पर दर्ज कॉलोनाइजर के नंबर राजू पार्षद से बात की गई तो कॉलोनाइजर ने दो दिन में नामांतरण सहित डायवर्सन कॉपी दिखाने की बात कर मामले को इति श्री करने का प्रयास किया। वहीं कॉलोनाइजर भानु प्रताप मंडलोई का कहना है कि हमारे द्वारा तहसील से सभी प्रकार के कागजों की पूर्ति कर ली गई है। दोनों के अलग अलग आए बयानों ने नगरवासियों को उलझन में डाल रखा है।ग्राम पंचायत ने दिया एसडीएम को आवेदन ग्राम पंचायत निहाल के सरपंच द्वारा गुरुवार को एसडीएम संजय उपाध्याय को एक आवेदन देकर ग्राम पंचायत क्षेत्र के अंर्तगत एहसानपुरा हाईवे रोड के पास एक अवैध कॉलोनी शांति विहार के नाम से बिना विकास शुल्क जमा किये व बिना अनुमति के कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। और मुरम का अवैध उत्खनन कर निर्माण किया जा रहा है। उक्त अवैध कालोनाईजर पर वैधानिक कार्यवाही करने की मांग की गई।नोटिस देंगे हमारी पंचायत क्षेत्र में शांति विहार कालोनी के कॉलोनाइजर ने न तो हमसे किसी प्रकार की कोई अनुमति ली और न ही कोई विकाश शुल्क जमा किया है । उक्त शांति विहार के मालिक को नोटिस दे रहे है।केशर सिंह लववंशी सरपंच निहाल पंचायत नगरीय सीमा में नही है कालोनी उक्त शांति विहार कालोनी नगरीय सीमा से बाहर है उसका न तो सारंगपुर नपा में कोई नामंतरण हुआ है न डायवर्सन, रही बात शहरी सुविधा की तो जब कालोनी शहर में आती ही नहीं तो शहरी सुविधा का लाभ मिलने का तो सवाल ही नही उठता है।लालसिंह डोडिया सीएमओ नपा सारंगपुर आवेदन दिया है उक्त कालोनी के कॉलोनाइजर द्वारा डायवर्सन के लिए आवेदन दिया गया है। अगर कॉलोनाइजर प्लांट का विक्रय कर रहा है तो मैं दिखवाता हूं।संजय उपाध्याय एसडीएम सारंगपुर