खरगोन से संवादाता शाहिद खान की रिपोर्ट
खरगोन। चैत्र चतुर्थी पर भी गणगौर उत्सव का उत्साह चरम पर रहा। बुधवार को बेटी को विदाई नहीं देने की चली आ रही परंपरा को निभाते हुए एक दिन ओर माता के रथ रोके गए। शाम को बाजे. गाजे के साथ माता का चल समारोह निकाला गया। कई जगह पर मन्नतधारी परिवार अपने घर रथ बौडाकर लाए तो कई स्थानों पर सार्वजनिक रुप से माता के रथ रोके गए। रथ बौडाने के आयोजनों के चलते समूचे अंचल में वातावरण माता की भक्ति में लीन नजर आया। माता के पूजन-अर्चन के साथ भंडारे का आयोजन भी उत्सव समिति ने किया। दोपहर में भोजन प्रसादी का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालूओं ने शामिल होकर प्रसादी ग्रहण की।
आज होगा विसर्जन
रथ बौड़ाने के बाद रतजगा कर माता की विशेष पुजा-अर्चना के बाद गुरुवार शाम को नम आंखो से माता को विदाई दी जाएगी। इस दौरान नदी तटो पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा। माता की विदाई के समय बेटी की विदाई जैसा माहौल रहता है। दु:खी मन और मन आंखो से हर श्रद्धालू माता के पवित्र जवारो को गले लगाकर नदी, तालाब, कुएं आदि में विसर्जित करेंगे।