✍️ राजेश पटेल
तेंदूखेड़ा- आने वाली मकर संक्रांति के अवसर पर पुण्य सलिला मां नर्मदा में स्नान करने का बड़ा ही महत्व है। वहीं श्रद्धालु बड़ी संख्या में नर्मदा घाटों पर पहुंचकर स्नान पुण्यदान पूजन अर्चन किया करते है। लेकिन मध्यप्रदेश की जीवन रेखा कहलाने वाली पुण्य सलिला मां नर्मदा तेंदूखेड़ा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले हीरापुर ककरा घाट बिलथारी झिरी छत्तरपुर करौंदी घाटों पर पर्याप्त सुविधायें न होने के कारण श्रद्धालुओं को परेशानियां झेलनी पड़ती है। समाचार पत्रों के माध्यम से लगातार जिला प्रशासन तक यह विषय पहुंचाया तो जाता है, लेकिन जिला प्रशासन केवल विकासखंड अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर और विकासखंड अधिकारी ग्राम पंचायतों को तुगलगी आदेश जारी कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री समझ लेते है। स्थिति यह है कि ककरा घाट पुण्य सलिला मां नर्मदा का गाडरवारा तेंदूखेड़ा और रायसेन सागर जिले के क्षेत्रों के लिये काफी सुलभ अनुकूल घाट माना जाता है जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रत्येक अमावस्या पूर्णिमा और पर्व विशेष पर पहुंचकर स्नान पूजनदान किया करते है। सबसे बड़ी समस्या यहां पर वाहन खड़ा करने घाट तक पहुंचने के लिये सुव्यवस्थित सड़क न होने फिर श्रद्धालु महिलाओं को नहाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यहां पर जिला प्रशासन को चाहिये कि किसी भी तरह यहां पर लगने वाली दुकानों को व्यवस्थित तरीके से लगाये जाने के साथ पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। वहीं पूजन पाठ के लिये निर्धारित स्थान फिर घाटों नहाने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित व्यवस्थित स्थान की समुचित व्यवस्था कराई जाये। चूंकि यहां पर छाया की कोई व्यवस्था तो नहीं है, लेकिन किसी छायादार टेंट की वैकल्पिक व्यवस्था प्रशासन स्तर पर की जानी चाहिये।