उपयंत्री भ्रष्टाचार छुपाने तालाब से पानी रिसाव को बता रहे हैं अमृत सरोवर तालाब निर्माण जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत देवरा का मामला
भास्कर पाण्डेय एम पी हेड
सुदर्शन टुडे डिंडौरी, | जिले के जनपद पंचायत डिंडौरी अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों में उपयंत्री और ठेकेदार की मिली भगत से भारी गड़बड़ी कर भ्रष्टाचार करने के मामले लगातार सामने आ रहे है। बावजूद विभागीय अधिकारियों के द्वारा इन निर्माण कार्यों में की गई धांधली को रोकने हेतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते ग्राम पंचायतों में लाखों की लागत से कराए जा रहे निर्माण कार्य भृष्टाचार की भेंट चढ़ते नजर आ रही है।
दरअसल ग्राम पंचायतों में विगत कुछ महीने पहले अमृत सरोवर योजना के तहत जगह – जगह लाखों रू. की लागत से तालाब/ सरोवर निर्माण कराए गए जिससे कि गर्मी के समय में उस क्षेत्र की भूमि स्थल की गिरावट के कारण लोगों को पानी की काफी ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है। पर्याप्त पानी न मिलने से ग्रामीणों को पीने के पानी से लेकर जलीय जीव और कृषि संबंधी कार्यों को गर्मी के समय काफी ज्यादा कष्ट झेलना पड़ता है। इस समस्या को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अमृत सरोवर योजना के माध्यम से जिले के समस्त ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर योजना के तहत पानी रोकने के लिए तालाब का निर्माण कराया गया है। लेकिन विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से मापदंड को दरकिनार करते हुए तालाब निर्माण गुणवत्ताविहीन किया गया है जिनकी पोल अब खुलने लगी है।
बता दे कि ऐसा ही ताजा मामला डिंडौरी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत देवरा का सामने आया है। जहां पर जल संग्रहण करने के उद्देश्य से बिही नाला में 59.80 लाख रू .की लागत से अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब निर्माण कराया गया है। पानी की लगातार रिसाव हो रहा है। जिसे देखकर लगता है कि तालाब निर्माण कराने की मंशा पूरी नहीं हो पाएगी और गर्मी से पहले तालाब सूख जाएगा क्योंकि विभागीय उपयंत्री गिरवर डेहरिया की मंशा तालाब में पानी रोकने नहीं पानी भगाने की है जो पूरी होती दिख रही है। वहीं वेस्टवीयर का निर्माण भी घटिया कराया गया है,एक तरफ वेस्टवीयर निर्माण नहीं कराया गया है,जिसके चलते ऊपर से मिट्टी धसक कर नीचे गिर रहा है। वहीं दूसरी ओर बनाए गए वेस्टवीयर भी अधूरा है। जब संबधित उपयंत्री गिरवर डहेरिया से तालाब से लगातार रिस रहे पानी के संबध में पूछा गया तो उपयंत्री साहब गिरवर डहेरिया के द्वारा केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी अमृत सरोवर योजना के तहत निर्माण तालाब की उद्देश्य को ही बदलते नजर आए।
उपयंत्री साहब से उक्त तालाब के संबंध में पूछा गया सवाल
सवाल:— अमृत सरोवर तालाब में नींव से लगातार पानी रिस रहा है जिससे आने वाले गर्मी के दिनों में तालाब सूख जाएगा ? जबकि तालाब में पानी रोकने के लिए बनाया गया है।
जवाब:— अमृत सरोवर तालाब को पानी रोकने के नहीं बल्कि पानी को भगाने के लिए बनाया गया है जो पानी उक्त तालाब से रिस रहा है वह ठीक है।
उपयंत्री साहब के जवाब सुनकर लगता हैं कि अमृत सरोवर तालाब बनाने के उद्देश्य ही बदल गया है। जबकि इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि गर्मी के दिनों में पेयजल संकट सिंचाई संबंधित जल व्यवस्था और भूमिगत जल स्तर को बनाए रखने के लिए इस योजना का शुरू किया गया है। किंतु उपयंत्री अपनी भ्रष्टाचार छुपाने तालाब से पानी लगातार रिसाव होने को तालाब बनाने का उद्देश्य बता रहे हैं ।
निर्माण स्थल में लगे सूचना पटल में नहीं लिखी है जानकारी….
ग्राम पंचायत देवरा बिही नाला में लाखो रू. की लागत से तालाब निर्माण कराया जा रहा है,किंतु जिम्मेदारों के द्वारा निर्माण स्थल में लगे सूचना पटल जानकारी लिखना उचित नहीं समझा। जबकि कोई भी निर्माण कार्य प्रारंभ कराने से पहले निर्माण स्थल में सूचना पटल पर संबंधित निर्माण कार्य की जानकारी लिखना अनिवार्य है। किंतु जिम्मेदारों के द्वारा शासन के दिशा—निर्देशों की पूरी तरह से धज्जियां उड़ाई जा रही रहे है। निर्माण स्थल में सूचना पटल में जानकारी नहीं होने के कारण ग्राम के आमजनों समेत अन्य लोंगो को उक्त तालाब की लागत एवं मद समेत अन्य जानकारी नहीं मिल पा रही है। गौरतलब है कि उपयंत्री गिरवर डहेरिया सूचना पटल में जानकारी न लगाए या उनकी मनमानी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं होना लाजमी है। क्योंकि विभाग के द्वारा उनके उक्त निर्माण कार्य में बरती गई मनमानी पर आज तक उक्त उपयंत्री के विरूद्ध कोई कड़ी कार्रवाई करना जरूरी नहीं समझा।
उपयंत्री के विरूध्द कड़ी कार्रवाई की दरकार…
जिस तरह अमृत सरोवर योजना के तहत कराये जा रहे तालाब निर्माण कार्य में लगातार अनिमित्ताएं सामने आ रहीं है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि संबंधित उपयंत्री के द्वारा उक्त तालाब के गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं कराया गया। जबकि उपयंत्री एवं सहायक यंत्री को निर्माण कार्य की लगातार माॅनरिटिंग करते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के निर्देश दिए गए है। किंतु मापदंड को दरकिनार करते हुए स्वयं को आर्थिक लाभ पहुंचने के चलते गुणवत्ताविहीन निर्माण कराया जाना प्रतीत होता है। वहीं जिन अधिकारियों को भ्रष्टाचार रोकने का जबाबदारी दी गई है वह भी पैसों के चमक के आगे नतमस्तक हो चुके हैं। जिसे देखकर लगता है कि जिम्मेदारों के द्वारा भ्रष्टाचार का गबन करने की आजादी दे दी गई है।
इनका कहना है “
मामले की जानकारी आपके माध्यम मिली है अमृत सरोवर तालाब निर्माण में जो भी गड़बड़ी हुई होगी, मैं उपयंत्री और सहायक यंत्री को साथ में ले जाकर जांच करवाऊंगा,उपयंत्री के द्वारा पानी भगाने की बात कही गई है वो गलत है,तालाब में जो भी गड़बड़ी होंगे उसे सुधार कराया जायेगा।
राजेंद्र सिंह धुर्वे,कार्यपालन यंत्री,आर. ई. एस. विभाग डिंडौरी