सुदर्शन टुडे गंजबासौदा (नितीश कुमार)
जय श्रीराम बोलने पर बच्चों को पीटने, प्रताड़ित और अपमानित करने का मामला
विगत माह की 9 तारीख को नगर के बरेठ रोड स्थित क्रिश्चियन मिशनरीज द्वारा संचालित भारत माता कॉन्वेंट स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों द्वारा जय श्रीराम का नारा लगाया गया था, जिस पर स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर रीना वर्गीज द्वारा आपत्ति की जाकर बच्चों को मंच पर बुलाकर मारपीट की और उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया था। उक्त मामला जब छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संज्ञान में आया तो वह पीड़ित बच्चों और उनके पालकों से मिले और पूरे मामले की जानकारी लेकर बाल संरक्षण आयोग को लिखित में शिकायत की। लगभग डेढ़ माह से अधिक बीत जाने के बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की एक टीम शुक्रवार को भारत माता कॉन्वेंट स्कूल पहुंची। जहां पर उन्होंने पीड़ित बच्चों की काउंसलिंग कर बयान लिये। पीड़ित बच्चों के बयान के आधार पर एवं चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आयोग के अध्यक्ष ने पुलिस को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए मौखिक रूप से निर्देशित किया और एफआईआर की कॉपी शाम तक उपलब्ध कराने को कहा। इस पूरे मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का कहना है कि पूर्व में शिकायत मिलने पर स्थानीय प्रशासन को जांच के लिए लिखा था जिसकी जांच रिपोर्ट मुझे आज तक नहीं मिली तो वही विद्यार्थी परिषद द्वारा बताया गया कि एक जांच दल विगत दिनों और आया था जो कि बिना जांच किए हुए ही वापस चला गया। इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए आज मैं स्वयं चाइल्ड वेलफेयर कमेटी टीम के साथ यहां पर आया हूं पीड़ित दो बच्चों के बयान के आधार पर पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।जांच के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी जीपी राठी, तहसीलदार संदीप जयसवाल, नायब तहसीलदार अनीता पटेल, एसडीओपी मनोज मिश्रा मौजूद रहे।विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी से पुलिस की हुई गहमागहमी मामले के शिकायतकर्ता विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी को पुलिस द्वारा भारत माता कॉन्वेंट स्कूल के गेट के बाहर रोकने व अंदर नहीं जाने देने के चलते परिषद के पदाधिकारी और पुलिस के बीच जमकर बहस हुई। पुलिस का कहना है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा परमिशन नहीं दी गई जबकि परिषद के पदाधिकारियों का कहना था कि शिकायतकर्ता को अपने बयान दर्ज करने के लिए स्कूल प्रबंधन के दबाव में आकर पुलिस द्वारा हमें रोका जा रहा है। बाद में बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के द्वारा समझाने पर मामला शांत हुआ।