सुदर्शन टुडे राजगढ़
राजगढ़। परिवारों में आपसी कल को समाप्त कर पड़ोसियों से मधुर संबंध बनाने व एक दूसरे की मदद करने के साथ ही भारतीय संस्कृति व हिंदुत्व के संस्कारों को अपने परिवारों में संजय रखने के साथ ही धार्मिक गतिविधियों में संलिप्त बढ़ाने व परिवार में शांत माहौल रखने के उद्देश्य से छपेड़ा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा करने पहुंचे राष्ट्रीय संत देवकीनंदन ठाकुर ने बुधवार गुरुवार की रात्रि में छापीहेड़ा में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में नवयुग दंपतियों का संवाद सम्मेलन आयोजित किया जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी के साथ ही समाज के गणमान्य नागरिक व समाजसेवी कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे इस दौरान संत श्री ने नव युगल दंपतियों को पड़ोसियों से मधुर संबंध बनाने के साथ ही कुटुंब मित्र बनकर समाज में काम करने व मधुर व्यवहार के साथ ही परिवार को जोड़े रखना की बात कही। देवकीनंदन ठाकुर के सानिध्य में कुटुंब प्रबोधन गतिविधि के अंतर्गत नव/ युवा दंपति संवाद सम्मेलन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर छापीहेड़ा मे आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि लक्ष्मीनारायण चौहान विभाग संघ चालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रेमसिंह दांगी जिला संघचालक हेमंत सेठिया प्रांत सहकार्यवाह मध्य भारत प्रांत दिनेश चंद्र शर्मा शिक्षक प्रांत कुटुंब प्रबोधन संयोजक गुना रामकृष्ण गुप्ता वकील विभाग कुटुंब प्रबोधन संयोजक उदय सिंह चौहान झिरी गौ सेवा प्रांत टोली, श्रीनाथ गुप्ता मालवा प्रांत सहकार्यवाह मनीष वैष्णव जिला कार्यवाह का आतिथ्य भी नव युगल दंपतियों को प्राप्त हुआ। पूज्य संत ने अपने कथन में संयुक्त परिवार के फायदे व छोटे परिवार के नुकसान पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने एक प्रश्न उठाया की क्या मनुष्य मंदिर में शराब पीकर जाता है? नही न तो फिर घर में शराब पीकर क्यों जाता है,जिस घर में मां रहती है। क्या उससे बड़कर कोई मंदिर है। मनुष्य को रिश्ते रामायण से सीखने चाहिए माता,पिता,गुरु,भाई,भाभी,देवर,मित्र आदि।
समस्त कार्यकर्ताओं से संत श्री ने आव्हान किया की वह स्वयं के परिवार के साथ 10 ओर परिवारों में यह संदेश पहुंचाने हेतु कुटुंब मित्र बनकर कार्य करे, यह कार्य निरंतर करे
कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रांत के कुटुंब प्रबोधन गतिविधि के प्रमुख दिनेश शर्मा गुना ने कार्यक्रम की भूमिका रखी संयुक्त परिवार में रहने वाले परिवारों ने भी साथ रहने पर साथ में भजन, साथ में भोजन वर्ष में एक से दो बार पूरा परिवार का साथ में भ्रमण इसके फायदे भी बताएं