किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ महाकौशल प्रांत मध्यप्रदेश ने दिया कड़ी चेतावनी
शहडोल संभाग की संभागीय कार्यालय में 24/9/2022 को संभागीय स्तर का बैठक राष्ट्रीय अखिल भारतीय कार्यकारिणी की सदस्य डॉ विशाल चंद्राकर के गरिमामई उपस्थिति में संपन्न हुआ डॉ चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि मध्य प्रदेश सरकार किसानों की कमर तोड़ कर रख दिया है। राज्य में किसानों की अत्यंत दुर्दशा है राज्य के सहकारी समितियों की मुखिया ऐसे अधिकारियों को बैठाया गया है कि जिनके ऊपर करोड़ों का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है जो क्षेत्र के किसानों को खुलेआम लूट रहे हैं किसानों को समय से कर्ज नहीं दे पा रहे हैं जो किसान कमीशन देगी उन्हें ही कर्ज मिलेगा और न हीं किसानों की फसलों का नुकसान का बीमा मिल पा रहा है ना ही समय पर खाद बीज मिल पा रही है बजाय किसानों की अंधाधुंध वसूली की जा रही है वहीं मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में धान की कीमत २५०० रू , कुंतल खरीद रही है तो मध्य प्रदेश सरकार ₹19 ही धान का खरीदी कर रही है धान खरीदी करने के नियम इतने कड़ा है कि किसान पंजीयन से लेकर धान मंडी में बेचने तक का मापदंड ऐसा है कि किसान को पल-पल इतनी समस्या से गुजरना पड़ता है कि किसान का धान भले ही सरकार ₹19 खरीद रही है परंतु धान को बेचते तक किसान को पंजीयन में पैसा देना पड़ता है फिर केवाईसी कराने में पैसा देना पड़ता है फिर पटवारी को गिरदावरी कराने के चक्कर में दौड़ना पड़ता है पैसा खर्च होता है और मोबाइल की मैसेज आया है तब भी खर्च करना पड़ता है और लास्ट में धान किसी तरह पैदा कर लिया तो मंडी में लाइन का इंतजार करना पड़ता है तो वहां पैसा खर्च होती है धान को खरीदी के लिए सही मापदंड तय कराने में पैसा खर्च होता है और बाद में महीनों बाद पैसा आ जाता है तब बैंक में लाइन लगाने में पैसा खर्चा करना पड़ता है अर्थात किसानों की धान की कीमत भले ₹19 सरकार निर्धारित किया है परंतु यह सब खर्चा करने के बाद किसानों को धान की कीमत 5 से ₹7 प्रति किलो ही पड़ता है । सरकार किसानों की राहत की बजाय किसानों की कमर तोड़ कर रख दिया है।
संभागीय अध्यक्ष बबलू पंडित ने सरकार पर लगाया आरोप सरकार किसान हितेषी नहीं है
बैठक में सभा को संबोधित करते हुए भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष बबलू पंडित ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की नुमाइंदे कलेक्टर हो या एसडीएम सबको संघ के माध्यम से किसानों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया जाता है और किसानों की समस्या के विषय में अवगत कराया जाता है परंतु उसका सरकार पर कुछ भी असर नहीं पड़ता ना ही सरकार के अधिकारी कर्मचारियों पर अभी हाल में किसानों की खाद की समस्या से जूझना पड़ा समय पर डीएपी यूरिया किसानों को नहीं मिल पाया खाद की किल्लत झेलनी पड़ी वही खाद की कालाबाजारी जोरों शोरों पर क्षेत्र में पनप रहा था खाद की कालाबाजारी के वजह से किसानों को खाद दुगुना रेट पर मिला जिन किसानों का राजनीति पहुंच ठीक है या अधिकारियों की जो कमीशन देते हैं या उनकी चापलूसी करते हैं उनको तो भला हो जाता है लेकिन आम किसानों की स्थिति अत्यंत दयनीय है।
संघ के संयोजिका कंचन चंद्रा ने कहा हजारों किसान जाएंगे भोपाल
भारतीय किसान संघ के जिला अनूपपुर संयोजिका श्रीमती कंचन चंद्रा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह किसानों की समस्याओं का अवहेलना सरकारी तंत्र व सरकार द्वारा किया जा रहा है और किसानों की समस्याएं ज्यों के त्यों बना हुआ है इसलिए भारतीय किसान संघ ने निर्णय लिया है की हर गांव जिला के कार्यकर्ता अपनी किसानों की आवाज बनकर किसानों के हक के लिए नवंबर में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लिए कूच करेगी और विधानसभा की घेराव करेगी किसानों के हक के लिए जिस हद तक जाना होगा जाएंगे संवैधानिक दायरे में रहकर हम किसानों की हक की मांग करते रहेंगे और हमारा संघ गांव गांव जाकर किसानों को जागरूक करने का काम करेगी। कार्यक्रम में कृषि की उन्नत खेती के लिए संघ के लोगों ने नए नए तकनीक की जानकारी दिया गया ताकि किसान अपनी उन्नति अच्छे से कर सकें।
कार्यक्रम मैं मुख्य रूप से इनकी की उपस्थिति रहा:
पूर्व सहायक आयुक्त जिला अनूपपुर के श्री राव साहब, संगठन मंत्री भरत पटेल, जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर द्विवेदी, अनूपपुर जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ,जिला अध्यक्ष शहडोल जिला मंत्री धनीराम सिंह, उपाध्यक्ष शंकर लाल केवट, समाजसेवी विजय राठौर, जैतहरी ब्लॉक अध्यक्ष मंगल सिंह , सहित भारतीय किसान संगठन महाकौशल प्रांत मध्यप्रदेश के सैंकड़ों कार्यकर्ता कार्यक्रम में उपस्थित रहे।