उदनखेड़ी टोल पर गाड़ी की डिक्की में लाश छोड़कर भागे थे आरोपी। 3 दिन में पुलिस ने सुलझाई गुत्थी दोनों आरोपी गिरफ्तार।
देवराज चौहान सुदर्शन टुडे
राजगढ़। 26 नवंबर की दरमियानी रात को थाना पचोर क्षेत्र अंतर्गत उदनखेड़ी टोल के पास सड़क किनारे खड़े अज्ञात वाहन में एक व्यक्ति का शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। वहीं पुलिस टीम ने लगातार प्रयास कर अंधे कत्ल की गुत्थी महज 48 घंटे के भीतर सुलझाते हुए प्रथम दृष्टिया मामला हत्या का होने से सूचना मिलते ही जिला पुलिस अधीक्षक धर्मराज सिंह मीणा ने प्राथमिकता से संज्ञान लेकर अपराध से जुड़े लोगों को हर संभव प्रयास कर गिरफ्तार करने के निर्देश पुलिस टीम को दिए थे जिस पर पुलिस ने 48 घंटे में ही पूरे मामले की गुत्थी सुलझाते हुए घटना से जुड़े दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायलय में पेश किया है।क्या है केब ड्राइवर की हत्या का पूरा मामला। राजगढ़ पुलिस अधीक्षक धर्मराज सिंह मीणा ने पुलिस कंट्रोल रूम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि 26 नवंबर की रात को 100 नंबर पर इवेंट आने के बाद सतर्कता से शाजापुर, मक्सी तरफ से आने वाले वाहनों की चेकिंग करते हुए 100 डायल के माध्यम से गाड़ियों की निगरानी की जा रही थी। इसी बीच जिस गाड़ी का इवेंट था वैसी ही एक गाड़ी 100 नंबर गाड़ी को देखकर उदनखेड़ी टोल के पास सड़क किनारे ड्राइवर द्वारा खड़ी करते हुए गाड़ी छोड़कर अंधेरे का सहारा लेकर खेतों की तरफ भाग गया। जब गाड़ी की तलाशी ली गई तो उसमें एक व्यक्ति की लाश मिली थी जिसकी सूचना 100 डायल पर कॉल करने वाले फरियादी अमित शर्मा को दी गई जिसने बताया कि मेरा भाई अंकित पर्सनल बुकिंग पर गाड़ी चलाता है जो की कैप कंपनी में अटैच है जिसका जीपीएस सिस्टम हमारे घर पर लगा हुआ है। दो लोगों द्वारा इंदौर से उज्जैन के लिए गाड़ी को बुक किया गया था। जब गाड़ी उज्जैन से इंदौर आने की जगह मक्सी की ओर जाती दिखाई दी तो मैंने 100 नंबर पर कॉल किया इसकी जानकारी दी थी। उक्त घटना की जानकारी जब पुलिस अधीक्षक को मिली तो उन्होंने अपनी टीम को लगाते हुए साइबर सेल की मदद से मलावर थाना के अंतर्गत आने वाले चुकलिया गांव के दो संदिग्ध सगे भाई रवि पिता प्रेम गोस्वामी व उसका भाई दीपक गोस्वामी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। जिस पर उन्होंने अपना जुर्म कबूलते हुए पूरी घटना की जानकारी दी। 300 रुपए के लिए ले ली कैब ड्राइवर की जान। रवि गोस्वामी व उसके भाई की गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने शक्ति से पूछताछ की तो दोनों आरोपियों ने बताया कि इंदौर से उज्जैन के लिए गाड़ी को बुक किया गया तब ₹2500 की बात हुई थी। लेकिन जिस वक्त उज्जैन से वापसी हो रही थी इस दौरान महाकाल पार्किंग के पास ड्राइवर अंकित शर्मा व रवि गोस्वामी में₹2200 देने पर जमकर बहस हो गई दोनों ही आरोपियों ने पहले से ही शराब पी रखी थी। वही उनके पास एक शराब की बोतल और भी रखी हुई थी। ऐसे में शराब के नशे में आरोपी रवि गोस्वामी ने ड्राइवर रवि शर्मा का गला दबा दिया। जिससे वहा मौके पर ही बेहोश हो गया था।जिसे दोनों आरोपियों ने पहले बीच की सीट पर बिठाया और उसके बाद उसे ठिकाने लगाने के लिए वहां से शाजापुर, शुजालपुर की ओर गाड़ी लेकर निकल गए। इसकी जानकारी जब अंकित के भाई अमित शर्मा को जीपीएस के माध्यम से लगी तो उन्होंने 100 नंबर पर कॉल कर पुलिस को जानकारी दी थी। इस बीच ही आरोपियों ने लाश को बीच की सीट से उठाकर गाड़ी की डिक्की में डाल लिया था। और गाड़ी की नंबर प्लेट भी तोड़ डाली थी। लेकिन इससे पहले की लाश को ठिकाने लगा पाते पुलिस ने उनकी घेराबंदी कर गाड़ी छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया। जिससे वह लोग अंधेरे का फायदा उठाकर उदनखेड़ी टोल नाके के पास साइड में गाड़ी खड़ी करते हुए गाड़ी छोड़कर भाग गए थे।हर व्यक्ति अपनी गाड़ी में लगाए जीपीएस पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया के माध्यम से अपील करते हुए कहा की, हम लाखों रुपए के वाहन खरीदते हैं लेकिन बहुत ही कम कीमत का जीपीएस नहीं लगाते जिससे हमारे वहान कई बार चोरी हो जाते हैं उन्होंने अपील करते हुए कहा कि हर व्यक्ति अपने वाहनों में जीपीएस लगवाए वही छोटे बच्चों के स्कूल बैग व अपने मोबाइल में भी जीपीएस सिस्टम को ऑन रखते हुए उसे परिजनों को जोड़कर रखे।जिससे किसी भी घटना के दौरान परिजनों को वह पुलिस को तत्काल सहायता पहुंचाने में आपकी मदद करने में सहयोग मिल सके। इस दौरान एडिशनल एसपी आलोक शर्मा, एस डी ओपी वा पचोर थाना प्रभारी के साथ ही इस घटना के आरोपियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाने वाली टीम मौजूद रही।