सुदर्शन टुडे संवाददाता दिनेश तिवारी सीहोर
सीहोर। समाज सेविका पर्वतारोही मेघा परमार के द्वारा दो मासूम बच्चियों की परवरिश के साथ ही उनकी शिक्षा का जिम्मा लिया है। मेघा परमार से वार्ता करने पर उन्होने बताया कि इन बच्चियों की बहादुरी के बाद इनसे बहुत सारे नेता, अधिकारी मिलने आए और सब उनके साथ फोटो खींचा कर चले गए। जब मैंने इन बच्चियों से पूछा कि तुम्हे क्या चाहिए तो उनका उत्तर था की हमे अच्छे स्कूल में पढ़ाई करनी है।अमूमन इस उम्र के बच्चें अपने लिए कपड़े, जूते, खिलोने मांगते है, खासकर जिस परिवेश से यह बच्चे आते है, उनके द्वारा अच्छी शिक्षा मांगना मेरे लिए काफी विचलित करने वाला पल था आज के इस समय में, हमारे देश व प्रदेश की सरकारें विकास के बड़े-बड़े डींगे हांकती है जबकि धरातल पर शिक्षा आधारभूत सुविधा में आती है। वह भी नहीं दे पाते, शिक्षा का महत्व मुझसे बेहतर कौन जान सकता है, मैं जो भी हू शिक्षा की बदौलत हू।हम लोगो को उदाहरण देते है कि क्या तुम शेर से लड़ कर आए हो और ये बच्चियां असलियत में अपनी बहादुरी को दिखा कर शेर से लड़ कर अपनी बहन की जान को बचा कर लाई थी। ऐसी बहादुर बच्चियों का मैने (स्कूल, कोचिंग, रहना, किताबे, वाहन) का जिम्मा बालिक होने तक का उठाया है। मैने इनका एडमिशन विश्व ज्योति कॉन्वेंट स्कूल इछावर में कराया हैं।