बैतूल उज्जैन की तर्ज पर निकली बैतूल में बाबा महाकाल की बारात
बैतूल/मनीष राठौर
उज्जैन में निकलने वाली बाबा महाकाल की बारात का स्वरूप नजर आ रहा था
उज्जैन से आए डमरु वाद्य यंत्र के कलाकारों द्वारा प्रदर्शन किया गया
कोरोना के बाद महाशिवरात्रि पहला त्यौहार पड़ा है जो पूरे जिले में बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है
शिव बरात में भूत भूत प्रेत का रूप धारण किये युवा बने आकर्षण का केन्द्र
बैतूल महाशिवरात्रि के पर्व पर आज बैतूल में बाबा महाकाल की भव्य बारात निकाली गई आज महाशिवरात्रि पर जब याह बारात निकल रही थी तो उज्जैन में निकलने वाली बाबा महाकाल की बारात का स्वरूप नजर आ रहा था असंख्य की संख्या में बाबा के भक्त बारात में शामिल हुए यह बारात थाना चौक स्थित शिव बारात उत्सव सेवा समिति द्वारा प्रतिवर्ष अनुसार निकाली गई 2 साल से कोरोना काल के चलते सभी त्यौहार घरों में रहकर बनाए गए पर इस बार कोरौना गाइडलाइन हटने के बाद महाशिवरात्रि पहला
त्यौहार पड़ा है जो पूरे जिले में बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है आज बाबा महाकाल की बारात में जिस प्रकार बाबा के भक्तों का जनसैलाब देखा गया वह उज्जैन की याद दिलाता है बारात के सबसे आगे दो ननदी चल रहे थे तो उसके पीछे दर्जनों अश्व चल रहे थे और उसके पीछे सजे हुए रथ चल रहे थे एक रथ में बाबा महाकाल के लिए विशालकाय पगड़ी रखी गई थी तो दूसरे रथ में बाबा महाकाल की मूर्ति सजाई गई थी साथ ही डीजे विशेष साउंड सिस्टम चल रहे थे और उनके साथ उज्जैन से आए डमरु वाद्य यंत्र के कलाकारों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था उसके तर्ज पर हाथ में ध्वजा लिए युवक नृत्य करते नजर आ रहे थे इधर देख रहा था लोगों के सभी सर दिखाई दे रहे थे महाकाल की इस बारात ने पूरे शहर को क्यों भक्ति में लीन कर दिया जिधर भी लिखा जा रही थी शिवभक्त नजर आ रहे थे जिधर से भी आवाज आ रही थी जय महाकाल ओम नमः शिवाय की आवाज आ रही थी बैतूल शहर में इस प्रकार शिव बाबा की बारात पहली बार निकाली गई हालांकि किसी समिति द्वारा बाबा की बारात लगातार तीन वर्षों से निकाली जा रही है परंतु प्रतिवर्ष इस उत्सव में इजाफा होता चला जा रहा है समिति के सदस्यों ने हमें बताया कि प्रतिवर्ष इस बारात को विशाल रूप दिया जा रहा है आने वाले वर्ष भी इस बारात के रूप में वृद्धि की जाएगी और इसे विशाल बनाने का प्रयास किया जाएगा