बैतूल/मनीष राठौर
सरकार ने इस आदेश पर पहले ही सर्कुलर जारी करते हुए संबंधित अफसर को एकतरफा रिलीव करने का आदेश जारी किया है पर इसके बाद भी इन आबकारी दरोगा को विभाग ने रिलीव नही किया।सरकार ने विभागों में किसी भी अफसर को सरकार के स्थानांतरण आदेश से तय जगहों पर जाना ही होता है। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य काम में पारदर्शिता लाना है लेकिन आबकारी विभाग में ऐसा नहीं होता। सरकार के आदेश की उन्हीं के अफसर अनदेखी कर रहे हैं। ऐसा अक्सर दो कारणों से होता है। यदि सरकार के तबादला आदेश के बाद कोई अधिकारी कोर्ट से स्टे नहीं लिया है तब भी वह अपने अपने पद पर जमा है। इसका सीधा सा मतलब यही होता है उसने अपने उच्च अधिकारी से सेटिंग कर ली है। इसी वजह से वह विभाग से रिलीव नहीं हो रहा है। दूसरा यह होता है कि वह रिलीव तो हो गया लेकिन तबादला के बाद तय जगह पर उसने ज्वाइनिंग नहीं ली। प्राप्त सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ नेता के चहेते होने के कारण ही आबकारी दरोगा राजेश भट्टी को वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रिलीव ना करने का मुख्य कारण बताया जा रहा है। आबकारी दरोगा के क्षेत्र में चल रहा जमकर अवैध शराब का कारोबार सारणी क्षेत्र में दिनों-दिन फैल रहा है। ठेकेदार तथा जिला आबकारी अधिकारियों की सांठ-गांठ से शासन को अरबों रूपये का चूना लगाया जा रहा है। क्षेत्र में आबकारी विभाग अवैध शराब विक्रय को रोकने के बजाय शराब ठेकेदारों के चहेते अफसरों को रिलीव ना करके अवैध शराब विक्रय को खुला संरक्षण देने में जुटा है। शासन को करोड़ों रूपये का चूना लगाकर आबकारी विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी काली कमाई के स्त्रोतों से इजाफा करने में ठेेकेदारों के माध्यम से उन गांवों एवं मुहल्लों में अवैध शराब का विक्रय कराने में सहयोगी बने हुए।हां स्थानांतरण तो चिचोली हुआ है उच्च अधिकारियों के जब आदेश प्राप्त होगे उस पर हम अमल करके कार्य करते हैं जब हमें यहां से जाने के आदेश होंगे तब हम चले जाएंगे आपकारी दरोगा राजेश भट्टी राजेश भक्ति का स्थानांतरण हुए 4 माह हो गए हैं किन्ही कारणों से इन्हें नहीं कर पाए थे जल्द ही इन्हें रिलीज किया जाएगा विनोद खटीक जिला आबकारी अधिकारी बैतूल