पथरिया
नगर में स्थित विरागोदय तीर्थ धर्म धाम में विराजित बुंदेलखंड के प्रथम दिगम्बर जैन आचार्य श्री108 विराग सागर जी महाराज के आज्ञाकारी शिष्य प्रवर्तक मुनि विश्वनायक सागर ससंघ 4 साधु विराजमान हैं जहाँ गुरुपूर्णिमा के दूसरे दिवस पावन अवसर मुनि संघ का चातुर्मास कलश स्थापना के साथ प्रारंभ हुआ।इस शुभ अवसर पर ध्वजारोहण करने का सौभाग्य विमल साब को प्राप्त हुआ।गुरुदेव के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य चतुमास समिति को प्राप्त हुआ।मुनि श्री विश्वविद सागर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा गुरु की महिमा अनंत हैं इसका कोई पार नहीं,साथ ही सभी भक्तों को संकल्प भी दिलाया की अपने मुख से निर्ग्रन्थ साधुओं की निंदा नही करेंगे और न ही सुनेंगे।आचार्य भगवान की मंगलमय संगीतमय पूजन हुई जिसमें नगर एवं बाहर के श्रद्धालुओं ने अर्घ्य चढ़ाए।बालिका मंडल ने भी भक्ति नृत्य के साथ आचार्य श्री की आराधना की। शास्त्र भेंट का सौभाग्य विपिन चौधरी,द्वतीय लक्मीचंद दिनेश पारले, हिमांशु बोतराई को प्राप्त हुआ ।चातुर्मास के मंगल कलश इस्थापना का परम पुण्यार्जक प्रथम अरिहंत कलश नरेंद्र जैन गुरु कृपा,सिद्ध कलश विरागोदय सेवा समिति, आचार्य कलश आलोक चौधरी,उपाध्याय कलश लखमीचंद दिनेश जिनेश जैन,साधु कलश संजय जिनेश फुसकेले परिवार को प्राप्त हुआ।कार्यक्रम में निवाई राजस्थान, ऐटा उत्तरप्रदेश,दमोह,सागर,जबलपुरके श्रद्धालु समेत जैन समाज के सभी नगरवासी उपस्थित रहे।गौरतलब हो कि 20मई से 48 दिवसीय भक्ताबर विधान का आयोजन भी क्षेत्र पर चल रहा है जिसमें पूरे भारत वर्ष के भक्तजन उपस्थित होंगे।